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#HBDMODI प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पास है अभिनय और निर्देशन का अनुभव, लिख चुके हैं ये नाटक
17 सितंबर यानी आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 69वां जन्मदिन है. इस उम्र में भी पीएम मोदी बिलकुल फिट और गजब की उर्जा से भरपूर नजर आते हैं.चलिए इस मौके पर बताते हैं आपको उनकी जिंदगी से जुड़े अनुछुए पहुल. अभिनय और रंगमंच के प्रति उनके लगाव पर लिखी गई किताब में लिखा है कि […]
17 सितंबर यानी आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 69वां जन्मदिन है. इस उम्र में भी पीएम मोदी बिलकुल फिट और गजब की उर्जा से भरपूर नजर आते हैं.चलिए इस मौके पर बताते हैं आपको उनकी जिंदगी से जुड़े अनुछुए पहुल.
अभिनय और रंगमंच के प्रति उनके लगाव पर लिखी गई किताब में लिखा है कि स्कूल के दिनों में मोदी को इन दोनों चीजों से कितना लगाव रहा है.6 वर्ष 2013 में यह किताब उस वक्त प्रकाशित हुई जब वह देश के निर्विराद राजनीतिक नेता के रूप में उभरकर सामने आए. एग्जाम वॉरियर में पीएम मोदी ने खुद इस बात का लिखा है कि उन्हें स्कूली दिनों में उनको इसका कितना लगाव था.
एग्जाम वॉरियर के एक चैप्टर में उन्होंने लिखा है कि मुझे एक स्पेशल डायलॉग देना था मगर किसी कारण मैं इसके लिए संघर्ष कर रहा था.नाटक के निर्देशक बेताब हो उठे.उन्होंने कहा कि अगर मैं उस तरह से संवाद कहता रहा तो वो मुझे निर्देशित नहीं कर पाएंगे. आगे लिखा कि इसलिए मुझे ये देखकर बुरा लगा कि निर्देशक मेरे बारे में यही कहेंगे.
अगले साल दिन मैंने उनसे अपनी तरह काम करके दिखाने का कहा कि मैं क्या गलत कर रहा हूं. बाद में जब निर्देशक ने वही सीन करके दिखाया तो कुछ ही सेंकड में मुझे ये एहसास हुआ कि मैं गलत था. इसी तरह से 13-14 वर्ष की उम्र में उनके द्वारा लिखित और मंचित नाटक पीलू फूल की भी यादें हैं.
ये नाटक छुआछूत के भेदभाव पर आधारित है.पीलू फूल का मतलब गुजराती भाषा में होता है पीले फूल होता है.बड़नगर में स्थित उनके स्कूल के सहपाठी और शिक्षक बताते हैं कि स्कूल में टूटी दीवार पैसों के अभाव में नहीं बन पा रही थी. इसपर ही मोदी ने पीलू फूल लिखकर उसमें अभिनय किया था.
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