नयी दिल्ली: स्वास्थ्य योजनाओं को लेकर कई दावे किए जाते हैं लेकिन हालात कुछ खास बदलते नहीं दिखाई दिए. असम से एक ऐसी घटना सामने आई है जहां एक गर्भवती महिला ने खाट, प्लास्टिक की चादर और कपड़ों की मदद से बनाए गए स्ट्रेचर में ही बच्चे को को जन्म दे दिया.
#WATCH Assam: A woman gave birth on her way to a state Dispensary on a make-shift stretcher made using cot, plastic sheet and cloth, in Udalguri village of Chirang. Two people had to carry the woman on the make-shift stretcher for 5 km. (08-09) pic.twitter.com/gHkC4P8ZiP
— ANI (@ANI) September 9, 2019
घटना पूर्वोत्तर राज्य असम के चिरांग स्थित उदलगुरी गांव में एक महिला को उसके परिजन पांच किलोमिटर तक खुद से बनाए गए स्ट्रेचर में लेकर स्थानीय स्वास्थ्य केंद्र तक पहुंचे. महिला ने उस खाट में ही बच्चे को जन्म दे दिया. ये जच्चा-बच्चा के लिए कितना खतरनाक हो सकता है आप अंदाजा लगा सकते हैं.
स्वास्थ्य सुविधा के दावों की खुलती पोल
सरकारें स्वास्थ्य को लेकर ना जाने कितनी सारी योजनाएं चलाती हैं. आंगनबाड़ी केंद्रों से लेकर सहिया दीदी की नियुक्ति तक, सरकार दावा करती है कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में काफी काम हुआ है. करोड़ों रुपये हर साल आवंटित किए जाते हैं. बावजूद इसके यदि किसी को खाट में लिटाकर अस्पताल लाना पड़े तो हालात चिंताजनक है. हालांकि ये पहली बार नहीं है जब देश के किसी हिस्से से ऐसी तस्वीर सामने आई हो.
एंबुलेंस और शव वाहन भी नहीं मिलता
उड़ीसा से भी कुछ साल पहले एक ऐसी ही तस्वीर सामने आई थी जब एक शख्स ने अपनी पत्नी की लाश को कंधे पर उठाकर तकरीबन 20 किलोमिटर तक ढोया था. घटना के बाबत बताया गया कि लाख मिन्नतों के बाद भी अस्पताल प्रशासन ने उसे शव वाहन मुहैया नहीं करवाया था.
कुछ दिन पहले झारखंड के साहिबगंज जिले से भी ऐसी ही घटना सामने आई थी जहां दीवार गिरने से घायल हुई किशोरी की अस्पताल में मौत हो गयी. शव को घर ले जाने के लिए अस्पताल मेें शव वाहन नहीं मिला. परिजन अपनी बच्ची के शव को कंधे पर उठाए इधर-उधर भटकते रहे.