नयी दिल्ली : वरिष्ठ पत्रकार वेद प्रताप वैदिक और मुंबई हमले के साजिशकर्ता हाफिज सईद की मुलाकात से पल्ला झाड़ते हुए पाक सरकार ने कहा कि उसे मुलाकात की जानकारी नहीं थी. पाकिस्तान ने दृढ़ता से कहा है कि हाफिज सईद के खिलाफ कोई सबूत नहीं हैं, इसलिए वे उनके खिलाफ किसी तरह की कार्रवाई नहीं करेंगे. पाकिस्तानी उच्चायुक्त अब्दुल बासित संवाददाताओं से बातचीत करते हुए कहा कि यह दो लोगों की आपसी मुलाकात थी.
बसित ने कहा, हमारी सरकार को और भारत सरकार को भी इस मुलाकात के बारे में नहीं पता था. यह दो लोगों की आपसी मुलाकात थी और कुछ नहीं. यह पूछे जाने पर कि क्या पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई को मुलाकात के बारे में नहीं पता था, उन्होंने केवल इतना कहा कि पाकिस्तान सरकार का इससे कुछ लेना देना नहीं है.
आतंकी गतिविधियों में जेयूडी प्रमुख की कथित संलिप्तता पर क्यों कदम नहीं उठाया गया इस पर पाकिस्तानी उच्चायुक्त ने कहा कि सईद पर मामला चलाने के लिए कोई सबूत नहीं है.
उन्होंने कहा कि सईद को जेल में पहुंचाने के लिए पाकिस्तान सरकार को मजबूत साक्ष्य की जरुरत होगी. दूत ने कहा, ह्यह्यहमारे पास उसके खिलाफ कोई सबूत नहीं हैं. हम सिर्फ किसी को खुश करने के लिए उसे जेल में नहीं डाल सकते.
पूछे जाने पर कि आवेदन करने पर क्या पाकिस्तान फिर से वैदिक को वीजा देगा बासित ने सीधे जवाब नहीं दिया और कहा वह अक्सर देश का दौरा करते रहते हैं और सम्मेलन में भाग लेने वाले प्रतिनिधिमंडल के अन्य सदस्यों के साथ उन्हें यात्रा दस्तावेज दिया गया.
भाजपा समर्थक और योग गुरु रामदेव के नजदीकी वैदिक के साथ मुलाकात पर विपक्ष ने सरकार को घेरने की कोशिश की जिसके बाद पाकिस्तान में भारतीय उच्चायोग से एक रिपोर्ट की मांग की गयी.
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कल कहा कि उच्चायोग को बैठक के बारे में जानकारी नहीं है. क्या पहले भी वैदिक सईद से मिले थे इसपर बासित ने कहा कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं है. भारत के खिलाफ सईद के भडकाऊ बयानों और उसके पाकिस्तान में सरेआम आजादी से घूमने के बारे में किए सवाल पर दूत ने कहा कि सईद नेता नहीं है और वह किसी राजनीतिक दल का प्रतिनिधित्व नहीं करता.भारत ने सईद पर भारत में 2008 में हुए मुंबई हमले सहित आतंकी हमलों की साजिश रचने का आरोप लगाया है.
अमेरिका ने आये दिन भारत के खिलाफ भडकाऊ बयान देने वाले सईद पर एक करोड़ डॉलर इनाम की घोषणा कर रखी है.वैदिक को वीजा देने के सवाल पर पाकिस्तानी उच्चायुक्त ने कहा, उन्हें सम्मेलन के लिए वीजा दिया गया. वह वहीं रुक गए. वीजा देने में हम उदार हैं. यह पूछे जाने पर कि देश से दो भारतीय पत्रकारों को निष्कासित क्यों किया गया जबकि वैदिक को घूमने की अनुमति दी गयी ,बासित ने कहा पत्रकारों को निष्कासित नहीं किया गया और पाकिस्तान उनके स्थान पर दूसरे नामों पर विचार कर सकता है.