नयी दिल्ली : आतंकवादी गतिविधियों के लिए धन मुहैया कराने के मामले में गिरफ्तार अलगाववादी मसरत आलम, आसिया अंद्राबी और शब्बीर शाह को मंगलवार को दिल्ली की एक अदालत में पेश किया गया, जिसने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को उनसे दस दिनों के लिए हिरासत में पूछताछ की अनुमति दे दी.
यह मामला घाटी में आतंकवाद के वित्त पोषण और 2008 के मुंबई आतंकवादी हमले के सरगना और जमात उद दावा प्रमुख हाफिज सईद से जुड़ा हुआ है. आरोपियों के वकील एमएस खान ने बताया कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने विशेष न्यायाधीश राकेश स्याल की अदालत में बंद कमरे में चल रही सुनवाई के दौरान तीनों को गिरफ्तार किया और 15 दिनों तक उन्हें हिरासत में लेकर पूछताछ करने की मांग की. शाह और अंद्राबी अलग-अलग मामलों में पहले से ही हिरासत में हैं, जबकि आलम को ट्रांजिट रिमांड पर जम्मू- कश्मीर से लाया गया था. आलम कथित आतंकवादी गतिविधियों में संलिप्त रहने के लिए वहां की जेल में बंद था. एनआईए ने 2018 में सईद, एक अन्य आतंकवादी सरगना सैयद सलाहुद्दीन और दस कश्मीरी अलगाववादियों के खिलाफ घाटी में आतंकवादी गतिविधियों के लिए कथित तौर पर धन मुहैया कराने और अलगाववादी गतिविधियों के मामले में आरोप पत्र दायर किया था.
एनआईए के मुताबिक, शाह को मामले में सह आरोपी और हवाला ऑपरेटर जहूर अहमद शाह वटाली से हवाला के जरिये दस लाख रुपये मिले थे. एजेंसी ने बताया कि इसके अलावा धन को प्रतिबंधित संगठन दुख्तरान-ए-मिल्लत को भेजा गया था, जिसकी प्रमुख अंद्राबी थी. एनआईए ने उन्हें अदालत में गिरफ्तार किया और 15 दिनों के लिए उनकी हिरासत की मांग की. एनआईए की दलील का विरोध बचाव पक्ष के वकील ने किया जिन्होंने कहा कि आरोपी पहले से हिरासत में हैं और एनआईए उनसे पूछताछ कर सकती है और हिरासत में लेकर पूछताछ करने की जरूरत नहीं है. आरोपियों को मंगलवार को जिन मामलों में गिरफ्तार किया गया उनमें जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी और अलगाववादी गतिविधियां चलाकर सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने का कथित तौर पर षडयंत्र करना (भादंसं की धारा 121) भी शामिल है.
एजेंसी के मुताबिक, आरोपियों के खिलाफ जिन अपराधों के तहत आरोप पत्र दायर किया गया है उनमें भादंसं की धारा 120 बी (आपराधिक षडयंत्र) और गैर कानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967 की धाराएं शामिल हैं. एनआईए के मुताबिक, मामला 30 मई 2017 को दर्ज हुआ था और पहली गिरफ्तारी पिछले वर्ष 24 जुलाई को हुई थी.

