नयी दिल्ली : लोकसभा चुनाव के तहत 542 संसदीय सीटों के लिए मतों की गिनती गुरुवार की सुबह आठ बजे से शुरू होगी. चुनाव आयोग ने तैयारी पूरी कर ली है. पहली बार इवीएम गणना के साथ वीवीपैट का मिलान किये जाने के कारण परिणाम के एलान में थोड़ा विलंब होगा.542 सीटों पर 8,000 से अधिक प्रत्याशी चुनाव लड़ रहे हैं. सात चरणों में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में 90.99 करोड़ वोटरों में से 67.11 प्रतिशत ने वोट डाला. अब तक के संसदीय चुनाव में यह सर्वाधिक मतदान है.
मतगणना में प्राप्त सीटों के आधार पर नयी लोकसभा का गठन व सरकार बनाने का रास्ता साफ होगा. अधिकांश एग्जिट पोल का अनुमान है कि एक बार फिर एनडीए सरकार की वापसी होगी. वैसे विपक्षी दलों ने इसे खारिज किया है. चर्चा है कि त्रिशंकु लोस की स्थिति में कांग्रेस सहित 22 विपक्षी दल गैर एनडीए सरकार बनाने की दिशा में तत्काल कदम उठायेंगे.
इधर, इवीएम को लेकर मचे शोर के बीच मतगणना स्थल व इवीएम स्ट्रॉन्ग रूम की सुरक्षा और कड़ी कर दी गयी है. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कार्यकर्ताओं से चौकन्ना रहने को कहा है, तो भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने विपक्ष पर लोकतंत्र की छवि धूमिल करने का आरोप लगाया है. इस बार 543 लोकसभा सीटों में से 542 पर ही चुनाव हुए हैं.
वेल्लोर सीट पर आयोग ने चुनाव रद्द कर दिया था. सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार प्रत्येक लोकसभा क्षेत्र में किसी एक विधानसभा क्षेत्र के किन्हीं पांच मतदान केंद्रों की वीवीपैट मशीनों की पर्चियों का मिलान इवीएम के मतों से किया जायेगा. चुनाव में किस्मत आजमा रहे प्रमुख नेताओं में पीएम नरेंद्र मोदी के अलावा कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी सहित विभिन्न दलों के प्रमुख नेता शामिल हैं.
लोकसभा चुनाव में मतदान के दौरान चुनाव आयोग को उम्मीद से बहुत अधिक संख्या में डाक मतपत्र मिलने से इनकी गिनती इवीएम के मतों के साथ ही की जायेगी. मतगणना की मौजूदा व्यवस्था के तहत ईवीएम के मतों की गिनती से पहले डाक मतपत्रों की गिनती होती है.
- 543 लोस सीट
- 272 बहुमत
- 542 पर मतदान
- 07 चरणों में चुनाव
- 4,000 मतगणना केंद्र
- 8,000 से ज्यादा प्रत्याशी
- 90.99 करोड़ मतदाता
- 67.11 % ने वोट डाले
ऐसे होगी मतगणना
एक मतगणना टेबल पर चार सुरक्षाकर्मी, एक माइक्रो पर्यवेक्षक, एक मतगणना सहायक, एक सहायक, एक रिटर्निंग अधिकारी व राजनीतिक दलों के पोलिंग एजेंट शामिल होंगे.
एक मशीन की गिनती के बाद दो मिनट तक रिटर्निंग अधिकारी मंजूरी का इंतजार करेगा.
एतराज होने पर मताें की गिनती दोबारा होगी. नहीं तो उस इवीएम को सील कर दिया जायेगा.
समय पर एक नजर
08:00 बजे सुबह से मतगणना शुरू
10:00 बजे से मिलने लगेंगे रुझान
12:00 बजे दोपहर तक साफ होगी तस्वीर
06:00 बजे के बाद रिजल्ट का आधिकारिक एलान
परिणाम में विलंब : इवीएम के साथ वीवीपैट का मिलान के कारण परिणाम आने में दो घंटे तक की देरी होगी.
झारखंड : 14 सीटों के लिए होगी मतों की गिनती
झारखंड में लोकसभा की 14 सीटों के लिए 1442 टेबलों पर मतों की गिनती की जायेगी
रांची में सबसे अधिक 134 टेबलों पर होगी गिनती
मुख्य प्रत्याशी : तीन पूर्व सीएम शिबू सोरेन, बाबूलाल मरांडी, अर्जुन मुंडा केंद्रीय मंत्री जयंत सिन्हा, सुदर्शन भगत व पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय, मंत्री चंद्रप्रकाश चौधरी, पूर्व मंत्री अन्नपूर्णा देवी, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुवा.
170 प्रत्याशियों के भाग्य का होगा फैसला
1,78,37,110 वोटरों ने िकया है मतदान
इवीएम की शिकायत के लिए आयोग ने बनाया कंट्रोल रूम
चुनाव आयोग ने इवीएम कंट्रोल रूम की स्थापना की है. इसमें इवीएम संबंधी शिकायतें दर्ज होंगी व उनका निस्तारण होगा. शिकायत दर्ज करने के लिए आयोग ने फोन नंबर 011303052123 भी जारी किया है.
चुनाव आयोग बोला, नहीं बदलेगा काउंटिंग का तरीका, विपक्ष की मांग खारिज
लोकसभा चुनावों की वोटों गिनती तय तरीके से ही होगी. चुनाव आयोग ने मतों की गिनती से पहले वीवीपैट पर्चियों के इवीएम से मिलान की मांग को खारिज कर दिया है. इस मुद्दे पर 22 विपक्षी दलों के नेता मंगलवार को आयोग से मिले थे. इसके बाद बुधवार को इस मसले पर आयोग के वरिष्ठ अधिकारियों ने बैठक की.
मतगणना के दौरान हिंसा की आशंका, अलर्ट
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मतगणना के दौरान हिंसा की आशंका के मद्देनजर बुधवार को सभी राज्यों को अलर्ट किया है. कुछ पक्षों द्वारा किये गये हिंसा भड़काने के आह्वान को देखते हुए यह कदम उठाया गया है. राज्य के मुख्य सचिवों और पुलिस महानिदेशकों से सुरक्षा चाक-चौबंद रखने को कहा है.
राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को साथ ही यह भी कहा गया है कि वे स्ट्रांग रुम और मतगणना स्थलों की सुरक्षा के लिए पर्याप्त कदम उठाएं. केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों को सूचना मिली है कि कुछ संगठन और व्यक्तियों ने, विशेष तौर पर उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, बिहार में कुछ बयान दिये हैं जिससे मतगणना प्रक्रिया में बाधा उत्पन्न हो सकती है.
इन बड़े चेहरों पर होगी नजर
नरेंद्र मोदी
अमित शाह
नितिन गडकरी
सोनिया गांधी
राहुल गांधी
मुलायम सिंह यादव
अखिलेश यादव
स्मृति ईरानी
रविशंकर प्रसाद
शत्रुघ्न सिन्हा
राजनाथ सिंह
निशिकांत दुबे
कन्हैया कुमार
साध्वी प्रज्ञा ठाकुर
दिग्विजय सिंह
अभिषेक बनर्जी
संबित पात्रा
महबूबा मुफ्ती
इनकी भूमिका हो सकती है महत्वपूर्ण नवीन पटनायक के बीजद, ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस, अखिलेश व माया के सपा-बसपा गठबंधन, चंद्रशेखर राव के टीआरएस व जगनमोहन रेड्डी के वाइएसआर कांग्रेस की भूमिका भी महत्वपूर्ण होगी.
फ्लैश बैक
1989 : राष्ट्रपति ने बड़ी पार्टी के नाते कांग्रेस को न्योता दिया. उसके इंकार पर वीपी सिंह को बुलाया.
1996 : राष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा ने सबसे बड़ी पार्टी भाजपा के वाजपेयी को शपथ दिलायी. सरकार बस 13 दिन ही चल पायी.
1998 : राष्ट्रपति नारायणन ने सबसे बड़े दल भाजपा के नेता वाजपेयी से सांसदों का समर्थन पत्र मांगा, फिर शपथ का न्योता दिया.
2004 : राष्ट्रपति कलाम ने सबसे बड़ी पार्टी कांग्रेस के नेता मनमोहन सिंह से समर्थन पत्र मांग सरकार बनाने का न्योता दिया.