नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज ‘फोनी’ चक्रवात से निपटने के लिए तैयारियों की समीक्षा के लिए एक बैठक आयोजित की. इस बैठक में कैबिनेट सेक्रेटरी, प्रधानमंत्री के प्रिंसिपल सेक्रेटरी, प्रधानमंत्री के एडिशनल प्रिंसिपल सेक्रेटरी, गृह सचिव और आईएमडी, एनडीआरएफ और एनडीएमए के अधिकारियों ने भाग लिया. गौरतलब है कि ओडिशा में बेहद गंभीर चक्रवाती तूफान ‘फोनी’ के पूर्वी तट की ओर मुड़ने के कारण तटीय इलाकों के निचले क्षेत्रों से आठ लाख लोगों को निकालने के लिए बुधवार को एक व्यापक अभियान शुरू किया गया.
Visuals: PM today chaired a high-level meeting in Delhi to review preparedness for Cyclone #Fani. Meeting was attended by Cabinet Secretary, Principal Secy to the PM, Additional Principal Secretary to the PM, the Home Secretary&other senior officials from IMD, NDRF, NDMA&PMO etc. pic.twitter.com/OJd8o7ILwU
— ANI (@ANI) May 2, 2019
भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) के एक हालिया बुलेटिन के मुताबिक, ओडिशा में पुरी से करीब 430 किलोमीटर दूर दक्षिण-दक्षिण पश्चिम, पश्चिम मध्य बंगाल की खाड़ी, आंध्र प्रदेश में विशाखापत्तनम से 225 किलोमीटर दक्षिण-दक्षिणपूर्व और पश्चिम बंगाल के दीघा में 650 किलोमीटर दक्षिण-दक्षिण पश्चिम में फोनी चक्रवात केंद्रित है. विशेष राहत आयुक्त (एसआरसी) बीपी सेठी ने बताया कि इसके उत्तर-उत्तरपूर्व की ओर मुड़ने और पुरी के निकट ओडिशा तट को तीन मई की शाम अधिकतम 170-180 किलोमीटर प्रतिघंटे हवा की रफ्तार से पार करने की संभावना है.
उन्होंने बताया कि इसकी रफ्तार 200 किलोमीटर प्रतिघंटे तक जा सकती है.एसआरसी ने बताया कि चेन्नई, विशाखापतनम और मछलीपट्टनम में स्थित डॉप्लर मौसम रडार के जरिए चक्रवात का पता लगाया जा रहा है.उन्होंने बताया कि तटीय जिलों के निचले और चपेट में आने वाले क्षेत्रों के लोगों को 880 चक्रवात केंद्रों, स्कूल और कॉलेज की इमारतें और अन्य ठिकानों जैसे सुरक्षित स्थानों पर ले जाया जा रहा है.एसआरसी के मुताबिक, आठ लाख लोगों को निकालने का काम देश में अब तक का सबसे बड़ा खाली कराने वाला अभियान है.
ओडिशा के कम से कम 14 जिले – पुरी, जगतसिंहपुर, केंद्रपाड़ा, बालासोर, भद्रक, गंजम, खुर्दा, जाजपुर, नयागढ़, कटक, गजपति, मयूरभंज, ढेंकानाल और क्योंझर के चक्रवात की चपेट में आने की संभावना है.साथ ही आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल में चक्रवात का प्रभाव पड़ने की संभावना है.बुधवार शाम में तैयारियों का जायजा लेने वाले मुख्यमंत्री ने हर जीवन को कीमती बताया. उन्होंने कहा कि गर्भवती महिलाएं, बच्चे, बुजुर्ग व्यक्ति और शारीरिक रूप से अक्षम लोगों पर विशेष रूप से ध्यान देने की जरूरत है.एसआरसी ने बताया कि खाली कराए लोगों को खाना देने के लिए नि:शुल्क रसोई की व्यवस्थाएं की गई हैं.
एक अधिकारी ने बताया कि किसी भी संभावित घटना से निपटने के लिए नौसेना, वायुसेना, सेना और तटरक्षक बल को हाई अलर्ट पर रखा गया है.राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), ओडिशा आपदा रैपिड एक्शन फोर्स(ओडीआएएएफ) और दमकल जवानों को प्रशासन की मदद के लिए संवेदनशीन क्षेत्रों में भेजा गया है.