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77 फीसदी चुनावी बॉन्ड अकेले दिल्ली में भुनाये गये, बॉन्ड के लिए शर्तें
नयी दिल्ली : राजनीतिक दलों को चुनावी बॉन्ड की जानकारी चुनाव आयोग को सीलबंद लिफाफे में देने की तारीख सुप्रीम कोर्ट ने 30 मई तय की है. इस बीच, सियासी दलों में चुनाव बॉन्ड भुनाने की होड़ मची है. ताजा हालात को देख कर अंदाजा लगाया जा सकता है कि चुनावी बॉन्ड के तहत भुनायी […]
नयी दिल्ली : राजनीतिक दलों को चुनावी बॉन्ड की जानकारी चुनाव आयोग को सीलबंद लिफाफे में देने की तारीख सुप्रीम कोर्ट ने 30 मई तय की है. इस बीच, सियासी दलों में चुनाव बॉन्ड भुनाने की होड़ मची है. ताजा हालात को देख कर अंदाजा लगाया जा सकता है कि चुनावी बॉन्ड के तहत भुनायी जा रही राशि कुछ राजनीतिक दलों में अनुपातहीन हो सकती है. एसबीआइ के ताजा आंकड़े कुछ इसी ओर इशारा कर रहे हैं.
मार्च में अकेले दिल्ली में ही 77 फीसदी से अधिक चुनावी बॉन्ड भुनाये गये हैं, जबकि अन्य राज्यों में बहुत कम. मार्च 2019 के पहले 15 दिनों के लिए देशभर की 29 एसबीआइ शाखाओं में चुनावी बॉन्ड बिक्री के लिए जारी किये गये थे.
एसबीआइ से आरटीआइ के जरिये प्राप्त आंकड़ों के अनुसार राज्यों की कुल 1142 शाखाओं में 2742 बॉन्ड खरीदे गये, जिनकी कीमत 1365.69 करोड़ रुपये है. अगर जनवरी 2019 के पिछले सात चरणों से तुलना की जाये, तो मार्च की इस राशि को उससे बराबर या थोड़ा कम माना जा सकता है. जनवरी के उन सात चरणों में 1407.09 करोड़ रुपये कीमत के कुल 3071 बॉन्ड बिके थे.
बॉन्ड के लिए शर्तें
चुनावी बॉन्ड योजना 2 जनवरी 2018 को अधिसूचित की गयी थी. इसके अनुसार कोई भी भारतीय नागरिक या भारत में स्थापित संस्था चुनावी बॉन्ड खरीद सकती है.
पंजीकृत पार्टियां और पिछले आम चुनाव या विधानसभा चुनाव में कम-से-कम एक फीसदी वोट हासिल करने वाले दल ही चुनावी बॉन्ड के जरिये चंदा ले सकते हैं. पार्टियां इस बॉन्ड को सिर्फ अधिकृत बैंक में भुना सकती हैं. बॉन्ड की वैधता उसके जारी होने के 15 दिन तक ही रहती है और इसे जारी करने और भुनाने के लिए एसबीआइ को अधिकृत किया गया है.
मुंबई में खरीदे एक तिहाई, भुनाये 3.4%
मार्च 2019 में एक तिहाई से अधिक बॉन्ड मुंबई में खरीदे गए थे. इनमें से केवल 3.4 प्रतिशत मुंबई में भुनाए गए. वहीं हैदराबाद में मार्च में लगभग 18.9% बॉन्ड खरीदे गये थे और 10.4 फीसदी भुनाये गये. दिल्ली में केवल 13.2 फीसदी बॉन्ड खरीदे गये, जबकि यहां 77.4 फीसदी बॉन्ड भुनाये गये. यह आंकड़ा चौंकाने वला है. इससे यह अंदाजा भी सहज ही लगाया जा सकता है कि जो बॉन्ड दिल्ली में भुनाये गये, वे राष्ट्रीय दलों के ही होंगे.
11 राज्यों में खरीदे गये, मगर भुनाये गये सिर्फ पांच राज्यों में
फेज बॉन्ड राशि
जनवरी 2019 तक 7 फेज 3071 1407.09 करोड़
मार्च 2019 2742 1365.69 करोड़
कुल बॉन्ड 5213 2772.78 करोड़
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