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राष्ट्रपति पर टिप्पणी को लेकर घिरे गहलोत का यूटर्न, भाजपा हमलावर

जयपुर/नयी दिल्ली : कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बुधवार को एक आलेख का हवाला देते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने 2017 में गुजरात के विधानसभा चुनाव को देखते हुए जातीय समीकरण साधने के लिए रामनाथ कोविंद को राष्ट्रपति बनाया. हालांकि, इस टिप्पणी पर विवाद होने पर गहलोत […]

जयपुर/नयी दिल्ली : कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बुधवार को एक आलेख का हवाला देते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने 2017 में गुजरात के विधानसभा चुनाव को देखते हुए जातीय समीकरण साधने के लिए रामनाथ कोविंद को राष्ट्रपति बनाया. हालांकि, इस टिप्पणी पर विवाद होने पर गहलोत ने कुछ घंटे बाद कहा कि उनकी टिप्पणी को ‘गलत तरीके से पेश किया गया है.’ उधर, भाजपा ने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की टिप्पणी की निंदा करते हुए उनसे माफी मांगने को कहा.

भाजपा ने चुनाव आयोग से मामले में संज्ञान लेने और गहलोत के खिलाफ कार्रवाई करने की भी अपील की. गहलोत ने यहां संवाददाताओं के एक सवाल के जवाब में कहा, लोग तो यहां तक कहते हैं कि रामनाथ कोविंद को राष्ट्रपति भी गुजरात के चुनावों को देखते हुए बनाया गया. मंगलवारको मैं एक आलेख पढ़ रहा था कि गुजरात के चुनाव आ रहे थे, वे (प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी) पहले ही घबरा चुके थे कि गुजरात में हमारी सरकार नहीं बनने जा रही है, तो मेरा मानना है कि अमित शाह की सलाह पर कोविंद को राष्ट्रपति बनाया गया, जातीय समीकरण बैठाने के लिए. और आडवाणी छूट गये. बनना आडवाणी साहब को था.

गहलोत ने कहा, देश को उम्मीद थी कि कम से कम आडवाणी को अब वह सम्मान मिलेगा जिसके वह हकदार हैं, लेकिन नया नाम आ गया और वंचित रह गये. इसके साथ ही गहलोत ने कहा कि यह भाजपा पार्टी का मामला है, लेकिन उन्होंने इस बारे में एक आलेख पढ़ा, इसलिए वह इसकी चर्चा कर रहे हैं. हालांकि, उन्होंने यह नहीं बताया कि यह आलेख कौन सा है. अपनी टिप्पणी पर विवाद होने के बाद गहलोत ने ट्वीट कर कहा कि मीडिया के एक वर्ग ने उनकी टिप्पणी को गलत ढंग से पेश किया है. गहलोत ने इसके साथ ही लिखा, मैं देश के राष्ट्रपति का बहुत सम्मान करता हूं और व्यक्तिगत रूप से रामनाथ जी, जिनसे मैं व्यक्तिगत रूप से मिला हूं, की सादगी व नम्रता से प्रभावित हुआ हूं.

उल्लेखनीय है कि रामनाथ कोविंद जुलाई 2017 में राष्ट्रपति बने और गुजरात में विधानसभा चुनाव उसी साल दिसंबर में हुए. उस समय मणिशंकर अय्यर की मोदी पर की गयी टिप्पणी के बाद हुए विवाद का जिक्र करते हुए गहलोत ने व्यक्तिगत टिप्पणी को पूरी जाति व वर्ग से जोड़ने के लिए भी मोदी की आलोचना की. उधर, भाजपा प्रवक्ता जीवीएल नरसिम्हा राव ने नयी दिल्ली में पार्टी कार्यालय में संवाददाताओं से कहा, यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत जो स्वयं एक संवैधानिक पद पर हैं, उन्होंने राष्ट्रपति के खिलाफ टिप्पणी की है. राष्ट्रपति संविधान का संरक्षक होता है. नरसिम्हा ने कहा, हम चुनाव आयोग से अनुरोध करते हैं कि वह राष्ट्रपति के खिलाफ गहलोत के बयान पर स्वत: संज्ञान ले. उन्होंने कहा कि भाजपा ने गहलोत से माफी मांगने को भी कहा है.

इस बीच पार्टी ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को नांदेड में उनके भाषण के लिए भी घेरा. दरअसल राहुल ने सोमवार को भ्रष्टाचार के मुद्दे पर प्रधानमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा था, मेरा एक प्रश्न है. सभी चोरों के नाम में मोदी क्यों होता है, भले ही वह नीरव मोदी हो, ललित मोदी हो और नरेंद्र मोदी हो? हमें नहीं पता कि ऐसे और कितने मोदी आयेंगे. राव ने इस पर कहा कि राहुल यह स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं पिछड़े समुदाय से जुड़ा कोई व्यक्ति आज प्रधानमंत्री कैसे बन गया. राहुल के लिए भारत पर केवल एक ही परिवार राज कर सकता है.

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