मुंबई : राष्ट्रीय विमान सेवा एयर इंडिया ने उड़ान पूर्व मद्य परीक्षण में कथित तौर पर विफल रहने पर रविवार को अपने निदेशक (संचालन) कैप्टन एके कठपालिया को विमान उड़ाने से रोक दिया. एयरलाइंस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी.
कैप्टन कठपालिया को रविवार अपराह्न एयर इंडिया की उड़ान एआई-111 को नयी दिल्ली से लंदन लेकर जाना था. एयरलाइंस के एक सूत्र ने कहा कि एयर इंडिया को उनके स्थान पर दूसरे पायलट को बुलाना पड़ा. इसके बाद विमान 55 मिनट की देरी से रवाना हुआ. इससे यात्रियों को असुविधा भी हुई. उन्हें पहले भी ऐसे ही मामले में उड़ान भरने से रोका जा चुका है. अधिकारी ने कहा, हमने कैप्टन एके कठपालिया को उड़ान भरने से रोक दिया क्योंकि वह दो बार ब्रेथ एनालाइजर परीक्षण में विफल रहे थे. उन्हें नयी दिल्ली से लंदन की उड़ान लेकर जानी थी, लेकिन वह उड़ान पूर्व मद्य परीक्षण में विफल रहे. अधिकारी ने कहा, उन्हें एक और मौका दिया गया, लेकिन दूसरा परीक्षण भी पॉजिटिव पाया गया जिसके बाद उन्हें उड़ान पर जाने से रोक दिया गया. इस मामले पर टिप्पणी के लिए एयर इंडिया के प्रवक्ता उपलब्ध नहीं थे.
विमान नियमावली की नियम संख्या 24 उड़ान के शुरू होने से 12 घंटे पहले चालक दल के सदस्यों को किसी भी तरह के शराब युक्त पेय पदार्थों के सेवन से रोकती है और उड़ान शुरू होने से पहले और बाद में चालक दल के सदस्यों का मद्य परीक्षण से गुजरना अनिवार्य होता है. पहली बार इस तरह के उल्लंघन पर नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) के नियमों के मुताबिक तीन महीने के लिए उड़ान लाइसेंस रद्द कर दिया जाता है. दूसरी बार नियम का उल्लंघन करने पर लाइसेंस तीन साल के लिए निलंबित कर दिया जाता है और तीसरी बार ऐसा होने पर उसे स्थायी रूप से रद्द कर दिया जाता है.
इससे पहले 2017 में डीजीसीए द्वारा उड़ान से पूर्व ब्रेथ एनालाइजर परीक्षण न कराने पर कठपालिया का उड़ान लाइसेंस तीन महीने के लिए निलंबित कर दिया गया था. बाद में उन्हें कार्यकारी निदेशक, संचालन के पद से हटा दिया गया था. बाद में उन्हें एयर इंडिया लिमिटेड में निदेशक (संचालन) के पद पर पांच साल की अवधि के लिए नियुक्ति दी गयी. डीजीसीए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि कठपालिया के उड़ान लाइसेंस पर सोमवार को फैसला लिए जाने की उम्मीद है.