नयी दिल्ली : आज चुनाव आयोग ने पांच राज्यों मध्यप्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, मिजोरम और तेलंगाना में विधानसभा चुनावों के लिए तारीखों की घोषणा कर दी. आयोग के अनुसार समूची चुनावी प्रक्रिया 15 दिसंबर तक पूरी कर ली जाएगी. छत्तीसगढ़ में चुनाव दो चरणों में होगा, जबकि अन्य राज्यों मेंएक ही चरण में मतदान होंगे. जिन राज्यों में चुनाव होना है उनमें से तीन राज्यों में भाजपा की सरकार है, जबकि तेलंगाना में टीआरएस का राज्य है, सिर्फ मिजोरम में कांग्रेस गठबंधन की सरकार है. आइए नजर डालें उन राज्यों में पार्टियों की स्थिति पर जहां विधानसभा चुनाव होने हैं:-
छत्तीसगढ़ में 12 -20 नवंबर, MP-मिजोरम में 28, RJ-तेलंगाना में 7 दिसंबर को मतदान, परिणाम 11 दिसंबर को : EC
छत्तीसगढ़ : मध्यप्रदेश से अलग होकर बने राज्य छत्तीसगढ़ में भी भाजपा की सरकार है. यहां कुल 90 सीट हैं और बहुमत का आंकड़ा 46 है. भाजपा के पास कुल सीटें 50 हैं, जबकि कांग्रेस के पास 38 हैं. वर्तमान मुख्यमंत्री रमन सिंह 2003 से ही प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं. पिछले चुनाव में कांग्रेस ने अजीत जोगी के नेतृत्व में चुनाव लड़ा था, हालांकि इस बार कांग्रेस नेता पर स्थिति स्पष्ट नहीं है.
राजस्थान : राजस्थान में चुनाव बहुत दिलचस्प होना है क्योंकि भाजपा की कद्दावर नेता वसुंधरा राजे सिंधिया के लिए यह चुनाव प्रतिष्ठा का है. प्रदेश के ट्रेंड के अनुसार यहां इस बार चुनाव कांग्रेस को जीतना चाहिए क्योंकि जनता एक बार भाजपा और एक बार कांग्रेस को सरकार बनाने का मौका देती है. यहां कुल 200 सीटें हैं, बहुमत का आंकड़ा 101 है. भाजपा के पास 163 और कांग्रेस के पास मात्र 21 सीटें हैं. 2103 के चुनाव में कांग्रेस बुरी तरह हारी थी और उसे 75 प्रतिशत सीटों का नुकसान हुआ था, जबकि भाजपा को 85 प्रतिशत का लाभ हुआ था. पिछले चुनाव में कांग्रेस के नेता अशोक गलहोत मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार थे. पिछले चुनाव में बसपा ने यहां तीन सीटें जीतीं थीं. वहीं जनता दल 15 सीटों पर चुनाव लड़ी थी, लेकिन किसी भी सीट पर उसे जीत नहीं मिली थी.
मिजोरम : उत्तर-पूर्व के राज्य मिजोरम में कांग्रेस गठबंधन की सरकार है. यह एकमात्र ऐसा राज्य है(जहां चुनाव होने हैं) जहां कांग्रेस गठबंधन की सरकार है. यहां कुल 40 विधानसभा सीटें हैं. बहुमत का आंकड़ा 21 है. कांग्रेस गठबंधन के पास 34, एमएनएफ-05 और एमपीसी के पास एक सीटें हैं. प्रदेश के मुख्यमंत्री पु ललथनहवला हैं, जो प्रदेश के कद्दावर नेता माने जाते हैं. वे 2008 से प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं. वर्ष 2013 में भी इन्होंने पार्टी को बड़ी जीत दिलायी थी.
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तेलंगाना : राज्य गठन के बाद तेलंगाना में पहली बार विधानसभा चुनाव होंगे. वहां की विधानसभा में कुल 119 सीटें हैं, जिनमें से टीआरएस के पास 90, आईएनसी के पास 13, एआईएमआईएम के पास सात और भाजपा के पास पांच सीटें हैं. चूंकि यहां चुनाव पहली बार हो रहा है इसलिए रोमांच बहुत ज्यादा है. राज्य विभाजन के बाद के चंद्रशेखर राव प्रदेश के मुख्यमंत्री बनें, लेकिन बाद में विधानसभा भंग कर दी गयी. अभी मामला न्यायालय में विचाराधीन हैं. .