नयी दिल्ली : भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी (आईएसआई) के मैसेज को इंटरसेप्ट करने का दावा किया है. खबरों की मानें तो कश्मीर में स्पेशल पुलिस ऑफिसर्स (एसपीओ) की हत्याओं में पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान का हाथ है. इंटरसेप्ट मैसेज में आईएसआई के लोग कश्मीर में स्थित आतंकियों को एसपीओ का अपहरण कर उनकी हत्या करने का निर्देश देते हुए नजर आ रहे हैं.
भारतीय खुफिया एजेंसी के सूत्रों ने अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया को जानकारी दी कि भारत और पाकिस्तान के बीच नाटकीय रूप से रद्द हुई वार्ता के पीछे पाकिस्तान से आने वाले मैसेज हैं. खुफिया एजेंसी ने सीमा पार से भेजे गये जिन मैसेजों को इंटरसेप्ट किया है, उसमें जम्मू-कश्मीर में मौजूद आतंकियों को अपहृत एसपीओ की हत्या का निर्देश देते हुए पाया गया है.
पाकिस्तान से आने वाले ये मैसेज इतने स्पष्ट थे कि इसमें मारे जाने वाले एसपीओ को नाम का भी उल्लेख आईएसआई की ओर से किया गया था. सूत्रों ने बताया कि इन संदेशों में तीन एसपीओ को जान से मारने का निर्देश तो दिया ही गया था साथ ही आतंकियों को एक सिविलियन को छोड़ने का आदेश भी था. पाकिस्तान की ओर से ये मैसेज इतनी जल्दी भेजे गये कि भारतीय एजेंसियों को हत्यारों को नाकाम करने का अवसर भी नहीं मिला.
यहां चर्चा कर दें कि अपहरण करने के बाद मारे गये एसपीओ निसार अहमद, फिरदौस अहमद और कुलवंत सिंह के शव सुरक्षाबलों को मिले, जबकि एक एसपीओ के भाई फयाज अहमद भट को आतंकियों ने जाने दिया. इधर , दक्षिण कश्मीर में आतंकियों द्वारा शुक्रवार को तीन एसपीओ की हत्या किये जाने के बाद सुरक्षाबलों ने आतंकियों को खोजने के लिए सर्च अभियान चलाया है. सुरक्षा एजेंसियों ने शनिवार की सुबह सेना को पुलवामा और शोपियां के कुछ गांवों में आतंकियों के मौजूद होने की सूचना दी थी. इसके बाद सुरक्षाबलों ने पुलवामा और शोपियां के 10 गांवों में घेराबंदी की है. सर्च ऑपरेशन में जम्मू-कश्मीर पुलिस, सीआरपीएफ व सेना शामिल हैं. इस तलाशी अभियान में पुलवामा के लस्सीपोरा, अलाईपोरा, हजदारपोरा समेत कई गांवों की सख्त घेराबंदी की गयी है.
सर्च ऑपरेशन के लिए करीब सात सौ जवानों को तैनात किया गया है. सुरक्षाबलों ने एक-एक घर की तलाशी की है. घेराबंदी और सर्च ऑपरेशन के दौरान दक्षिण कश्मीर के शेरमाल क्षेत्र में युवाओं और सुरक्षाबलों के बीच झड़प भी हो गयी. इस झड़प में छह लोगों के घायल होने की सूचना है. उधर, पुलवामा में मोबाइल इंटरनेट सेवाओं पर रोक लगा दी गयी है. इसके अलावा घेरे गये सभी गांवों में किसी भी बाहरी व्यक्ति की आवाजाही पर भी पाबंदी लगायी गयी है.