चेन्नई : तमिलनाडु के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित ने मीडिया में आ रही उन सभी खबरों को शनिवार को खारिज कर दिया जिसमें कहा गया था कि उन्होंने राजीव गांधी हत्याकांड मामले के सभी सात दोषियों को रिहा करने की राज्य सरकार की सिफारिश केंद्र को सौंपी है. राज्यपाल ने कहा कि मामले पर निर्णय ‘न्याय संगत और निष्पक्ष तरीके’ से संविधान के अनुरूप किया जाएगा.
राज भवन की ओर से जारी बयान में कहा गया, ‘मीडिया का एक वर्ग ऐसी खबरें दे रहा है कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे दोषियों की रिहाई के संबंध में गृह मंत्रालय, भारत सरकार से उल्लेख किया गया है.’ उसने कहा कि टीवी चैनल भी इस ‘अनुमान’ पर चर्चा कर रहे हैं. राज भवन के संयुक्त निदेशक (जनसंपर्क) ने बयान में कहा, ‘यह स्पष्ट किया जाता है कि इस मामले को गृह मंत्रालय को संदर्भित नहीं किया गया. मामला जटिल है और इसमें कानूनी, प्रशासनिक और संवैधानिक मुद्दों के अवलोकन शामिल हैं.’
इस बात पर जोर देते हुए कि इस मामले पर राज्य सरकार से अनेक दस्तावेज मिल रहे हैं, राज भवन ने कहा कि मामले पर अदालत का फैसला उन्हें 14 सितंबर को ही सौंपा गया है. राज भवन ने कहा, ‘दस्तावेजों का ठीक से अध्ययन किया जायेगा और सभी कदम सतर्कता से उठाए जाएंगे. आवश्यकतानुसार, उचित समय पर आवश्यक परामर्श किया जा सकता है. मामले पर निर्णय न्याय संगत और निष्पक्ष तरीके से संविधान के अनुरूप किया जाएगा.’ तमिलनाडु कैबिनेट ने नौ सितंबर को राजीव गांधी हत्याकांड के मामले में नलिनी और उनके पति श्रीहरन उर्फ मुरुगन सहित सभी सात दोषियों को रिहा करने की सिफारिश की थी. सभी सात दोषी वर्ष 1991 से जेल में हैं.
श्रीपेरंबदुर के पास चुनावी रैली के दौरान 21 मई 1991 को राजीव गांधी की एक आत्मघाती विस्फोट में हत्या कर दी गई थी. हमले में हमलावर धनु सहित 14 अन्य लोगों भी मारे गए थे. तमिलनाडु के संगठनों ने शुक्रवार को दावा किया था कि पुरोहित ने अपनी सलाह के लिए केंद्र को उल्लेख किया है. तमीजागा वज़हुरुमाई काची ने इस मुद्दे पर 26 सितंबर को प्रदर्शन करने की घोषणा भी की है.