नयी दिल्ली: भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी संसद भवन में अपना वह कमरा गंवा बैठे हैं, जो उनके पास बतौर राजग के कार्यकारी अध्यक्ष की हैसियत से पिछले दस साल से था. यही नहीं लोकसभा में भी सीटों का आवंटन नहीं होने के कारण उनके बैठने का कोई नियत स्थान नहीं था.
पूर्व उप प्रधानमंत्री के कमरा संख्या 4 गंवाने का संकेत इस बात से मिला कि कमरे के बाहर उनके नाम की तख्ती नहीं थी जबकि राजग अध्यक्ष अटल बिहारी वाजपेयी की ‘नेमप्लेट’ उसी कक्ष के बाहर लगी थी. वाजपेयी खराब स्वास्थ्य के कारण इस कक्ष में नहीं बैठते हैं और आडवाणी ही यहां बैठा करते थे. आडवाणी की ‘नेमप्लेट’ और राजग के कार्यकारी अध्यक्ष के पद की तख्ती का नहीं होना साफ दिख रहा था क्योंकि ये घटनाक्रम उस समय हुआ, जब नई लोकसभा के गठन के बाद कमरों का नये सिरे से आवंटन हो रहा था.
भाजपा नेता 86 वर्षीय आडवाणी ने भाजपा संसदीय दल के कार्यालय में आराम किया, जहां आम तौर पर सामान्य पार्टी नेता बैठते हैं.आडवाणी हालांकि भाजपा संसदीय दल के अध्यक्ष हैं लेकिन वह कमरे की मुख्य कुर्सी पर बैठने की बजाय सोफे पर बैठे.