नयी दिल्ली : मोदी सरकार ने तीन तलाक बिल को राज्यसभा में पेश कर दिया है, ऐसे में सरकार पूरा प्रयास कर रही है कि इस बिल में तीन बड़े संशोधन के बाद इसे सदन में पास कराया जाए. इस बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने बिल में संशोधन की बात कहते हुए भगवान राम को लेकर विवादित बयान दिया है. कांग्रेस नेता हुसैन दलवाई ने कहा कि महिलाओं के साथ हर समुदाय में गलत तरीके से व्यवहार होता रहा है, यह ना सिर्फ मुसलमालों में है बल्कि हिंदू, सिख, ईसाईयों सभी में ऐसा देखा जाता है. हर समाज में पुरुष की प्रधानता को माना जाता है, यहां तक कि खुद भगवान रामचंद्र जी ने एक बार सीता जी को शक के आधार पर छोड़ दिया था, लिहाजा हमे इस पूरे बिल को बदलने की आवश्यकता है.
कांग्रेस नेता के इस बयान के बाद विवाद हो गया जिसके बाद उन्हें सफाई देनी पड़ी. कांग्रेस नेता ने सफाई देते हुए कहा कि मैं खुद माता सीता का भक्त हूं, लेकिन जो मैंने कहा वह हिंदू धर्म में महिलाओं के साथ हो रहे व्यवहार को दर्शाने के लिए कहा था. आगे उन्होंने कहा कि प्राचीन काल में किस तरह से महिलाओं ने मुश्किल समय झेला है, मैं उस बारे में अपने विचार रख रहा था. मोदी सरकार मुस्लिम महिलाओं की भलाई के लिए गंभीर नहीं है. उन्होंने कहा कि सरकार दावा कर रही है कि वह मुस्लिम महिलाओं को और ताकत दे रही है और उन्हें मजबूत कर रही है, जबकि हकीकत यह है कि वह लोगों की आंखों में धूल झोंकने का काम कर रही है.
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कांग्रेस सांसद ने कहा कि मैं मूल रूप से इस बिल का विरोध करता हूं, सरकार चुनिंदा लोगों को इस बिल के माध्यम से निशाना बनाने का प्रयास कर रही है. बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा सांसद राकेश सिन्हा ने कहा कि दलवाई को माता सीता को तीन तलाक की इस पूरी बहस में खींचने की कोई आवश्यकता नहीं थी. यही नहीं कई भाजपा सांसदों ने भी दलवाई के बयान का विरोध किया और इसे सदन की कार्रवाई से बाहर करने की मांग की.