श्रीनगर : जम्मू कश्मीर पुलिस ने अलगाववादी नेता यासीन मल्लिक को गुरुवार सुबह उनके घर से गिरफ्तार कर लिया. पुलिस ने उन्हें उनके श्रीनगर से सटे मौसुमा स्थित आवास से गिरफ्तार किया है. कश्मीर में केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा युद्ध विराम का फैसला वापस लेने और महबूबा मुफ्ती सरकार गिरने की स्थिति में राज्यपाल शासन लगने के बाद यह पहली अहम गिरफ्तारी है. यासीन मल्लिक जम्मू कश्मीर लिबरनेशन फ्रंट के प्रमुख हैं. उनके अलावा अलगावादी हिलाल वार को गिरफ्तार किया गया है और उन्हें घर पर नजरबंद किया गया है.
उन्हें जम्मू कश्मीर में अलगावादियों के बंद के दौरान प्रदर्शनकारियों का नेतृत्व करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. उल्लेखनीय है कि बुधवार को यासीन ने अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी एवं मीरवाइज उमर फारुक के साथ एक पत्र संयुक्त राष्ट्र संघ को लिखा था. यह पत्र इन लोगों ने हाल में पहली बार संयुक्त राष्ट्र की ह्यूमन राइट बॉडी के कश्मीर के संबंध मेें जारी की गयी रिपोर्ट के संबंध में लिखा था. इस पत्र में इन लोगों ने स्वयं को कश्मीर के लोगों के नेता के रूप में प्रस्तुत किया.
उल्लेखनीय है कि बदली हुई परिस्थिति में कल ही राज्यपाल एनएन वोहरा ने राज्य की प्रशासनिक जिम्मेवारी संभाली थी और अफसरों के साथ सचिवालय जाकर बैठक की थी. उनकी सहायता के लिए केंद्र ने राज्य में नये मुख्य सचिव बीवीआर सुब्रमण्यम व गवर्नर के सलाहकारकेरूप में पूर्व आइपीएस के विजय कुमार को तैनात किया है. दोनों अफसर आंतरिक सुरक्षा के विशेषज्ञ हैं और नक्सलवाद से निबटने के लिए जाने जाते हैं. ऐसे में मोदी सरकार ने उन्हें राज्य में आतंकवाद व अलगाववाद से निबटने की जिम्मेवारी सौंपी है. उधर, सेना प्रमुख बिपिन रावत व जम्मू कश्मीर के डीजीपी भी आतंकवाद व अलगावाद से सख्ती से निबटने की बात कल कह चुके हैं.