नयी दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्यों को आदेश दिया कि वे बाल अधिकार संरक्षण संबंधी राष्ट्रीय और राज्यों के आयोगों में सभी रिक्तियां भरना सुनिश्चित करें. सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों को निर्देश दिया कि वे किशोर न्याय बोर्ड और बाल कल्याण समितियों में सभी रिक्तियों पर भर्ती शीघ्र सुनिश्चित करें.
कोर्ट ने सभी उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों से आग्रह किया है कि किशोर न्याय कानून के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए सुनवाइयों को अपने पास पंजीकृत करें. शीर्ष कोर्ट ने सभी उच्च न्यायालयों से कहा कि वह सभी जिलों में बाल-हितैषी अदालतों और संवेदनशील गवाह अदालतों की स्थापना पर गंभीरता से विचार करें.