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मुंबई बाढ़ पर बंबई हाइकोर्ट की टिप्प्प्णी : प्रकृति पर नियंत्रण नहीं, लेकिन हम एक इंच आगे नहीं बढ़े

मुंबई: बंबई उच्च न्यायालय ने कहा है कि हम प्रकृति पर नियंत्रण नहीं कर सकते लेकिन मानसून के दौरान नियमितरूप सेबाढ़ का सामना कर रही मुंबई शहर की स्थिति में पिछले कुछ वर्षों में सुधार नहीं आया है. मुख्य न्यायाधीश मंजुला चेल्लूर और न्यायमूर्ति एनएम जामदार की एक खंडपीठ ने वकील अटल बिहारी दुबे द्वारा […]

मुंबई: बंबई उच्च न्यायालय ने कहा है कि हम प्रकृति पर नियंत्रण नहीं कर सकते लेकिन मानसून के दौरान नियमितरूप सेबाढ़ का सामना कर रही मुंबई शहर की स्थिति में पिछले कुछ वर्षों में सुधार नहीं आया है. मुख्य न्यायाधीश मंजुला चेल्लूर और न्यायमूर्ति एनएम जामदार की एक खंडपीठ ने वकील अटल बिहारी दुबे द्वारा दायर एक जनहित याचिका (पीआइएल) की सुनवाई के दौरान यह टिप्पणी की.

याचिकाकर्ता ने शहर में एक दूसरी डॉपलर रडार प्रणाली स्थापित करने और ऐसे अन्य कदम उठाये जाना सुनिश्चित करने की अपील की थी जिससेबाढ़ के कारण लोगों को पेरशानियों का सामना न करना पड़े. मुख्य न्यायाधीश चेल्लूर ने कहा ‘ ‘हम प्रकृति पर नियंत्रण नहीं कर सकते. लेकिन ऐसा मुंबई में पहली बार घटित नहीं हुआ है. हम एक इंच भी आगे नहीं बढ़े है. ‘ ‘ पीआईएल कुछ वर्षों पहले दायर की गयी थी और वर्ष 2016 में महाराष्ट्र सरकार और बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) ने अदालत को सूचित किया था कि एक स्थान की पहचान हो गयी है और गोरेगांव उपनगर में एक डॉपलर रडार स्थापित करने को मंजूरी दे दी गयी है.

याचिकाकर्ताओं के वकील एससी नायडू ने कल अदालत को बताया था कि इस मामले में आज की तिथि तक भी कोई प्रगति नहीं हुई है. नायडू ने अदालत को बताया ‘ ‘साइट को मंजूरी मिल गयी है लेकिन प्रीमियम दर के कारण मामला अटका हुआ है. ‘ ‘ उन्होंने कहा कि इस वर्ष भी 29 अगस्त को मुंबई में भारी बारिश के कारण जनजीवन ठप हो गया था. अदालत ने इस मामले में सुनवाई की अगली तिथि 07 सितंबर तय की है.

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