Tiger Death: तमिलनाडु से बुरी खबर है. प्रदेश के नीलगिरी जिले के वन क्षेत्रों में 10 बाघों की मौत की खबर है. बताया जा रहा है कि बीते 40 दिनों में यहां 10 बाघों की मौत हो गई है. यहां पिछले 40 दिनों में छह शावकों समेत 10 बाघों की मौत हुई है. वहीं, इतनी तादाद में हुई बाघों की मौत से वन विभाग में हड़कंप मच गया है. बाघों की मौत की जांच की जा रही है. क्राइम ब्रांच आईजी मुरली कुमार ने कहा कि लगातार हुई बाघों की मौत के बाद नेशनल टाइगर कमीशन की टीम ने इलाकों का दौरा किया और मौत के कारण जानने की कोशिश की.
नेशनल टाइगर कमीशन की टीम ने किया दौरा
बाघों की मौत को लेकर नेशनल टाइगर कमीशन की टीम ने नीलगिरी वन क्षेत्र का दौरा किया. बता दें, लगातार हो रही बाघों की मौत से राष्ट्रीय बाघ आयोग की चिंता बढ़ गई है. अपराध शाखा आईजी मुरली कुमार ने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि बीते 40 दिनों में नीलगिरी वन, मुदुमलाई टाइगर रिजर्व के आंतरिक और बाहरी क्षेत्र में छह बाघ शावकों सहित 10 बाघों की मौत हो गई है. बाघों की मौत की जांच के लिए एक उच्च स्तरीय कमेटी की भी मांग की गई.
शावक बाघों की मां का नहीं चल रहा पता
नीलगिरी में 10 बाघों की मौत से पूरी वन विभाग हिल गया है. मरने वालों बाघों में छह शावक हैं. लेकिन मृत बाघ शावकों की दो मां बाघिनों का अब तक वन विभाग को पता नहीं चल सका है. जब यह मामला सामने आया तो नेशनल टाइगर कमीशन इसकी जांच में जुट गया है. वहीं, इतनी तादाद में बाघों की हो रही मौतों से वन प्रेमियों को गहरा सदमा लगा है.
वन अधिकारियों की लापरवाही के कारण हुई बाघों की मौत!
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इतनी संख्या में हो रही बाघों की मौत को लेकर वन अधिकारियों पर भी आरोप लग रहे हैं. वन अधिकारियों पर आरोप है कि उनकी लापरवाही के चलते बाघों की जान जा रही है. हालांकि इसको लेकर अभी तक कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है. और न ही किसी ने लापरवाही की पुष्टि की है.