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ऑपरेशन दृष्टि: प्रयागराज जोन के 7 जिलों में 3,000 से अधिक सीसीटीवी, हर गतिविधि पर होगी पुलिस की नजर

जिला पुलिस ने व्यापारिक समुदाय, शैक्षणिक संस्थानों के अधिकारियों, प्रमुख प्रतिष्ठानों के मालिकों से जुड़ने और सुरक्षा बढ़ाने के लिए सीसीटीवी सेट का एक नेटवर्क स्थापित करने की अपील की है.एक व्यापक अभियान चलाया हुआ है.

लखनऊ. प्रयागराज क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले शहर प्रतापगढ़, कौशांबी, हमीरपुर, महोबा, बांदा, चित्रकूट और फतेहपुर की सड़कों पर कड़ी निगरानी बनाए रखने के लिए पुलिस इन जिलों के 1466 स्थानों पर कम से कम 3181 सीसीटीवी लगाने की योजना बना रही है. इसके लिए, संबंधित जिला पुलिस ने व्यापारिक समुदाय, शैक्षणिक संस्थानों के अधिकारियों, प्रमुख प्रतिष्ठानों के मालिकों से जुड़ने और सुरक्षा बढ़ाने के लिए सीसीटीवी सेट का एक नेटवर्क स्थापित करने की अपील की है.एक व्यापक अभियान चलाया हुआ है. विदित रहे कि पुलिस द्वारा इस योजना को व्यापक एवं संगठित तरीके से लागू करने के लिए जनता से अपील कर वर्तमान में लगाए गए कैमरों के अलावा “ऑपरेशन दृष्टि” शुरू किया जा रहा है.

रोड किनारे व्यावसायिक प्रतिष्ठानों पर फोकस

अतिरिक्त महानिदेशक (प्रयागराज जोन) भानु भास्कर का कहना है कि पुलिस व्यापारियों, व्यापार केंद्रों और प्रमुख प्रतिष्ठानों के अधिकारियों के साथ समन्वय कर रही है. उन्हें अपने परिसरों में सीसीटीवी का एक नेटवर्क स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित कर रही है. इससे पुलिस को किसी भी घटना या दुर्घटना के मामले में कानून तोड़ने वालों पर नजर रखने में मदद मिलेगी. एडीजी ने कहा कि ये सभी उपाय “ऑपरेशन दृष्टि” के तहत शुरू किए जा रहे हैं . पुलिस जनता से सक्रिय भागीदारी की मांग कर रही है. चूंकि अधिकांश व्यावसायिक प्रतिष्ठानों और अन्य प्रमुख इमारतों में पहले से ही सीसीटीवी लगाए गए हैं, इसलिए पुलिस संगठित तरीके से इसकी उपयोगिता को अधिकतम कर सकती है.

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किस जिला में कितने लगे

रिकॉर्ड के अनुसार, कौशांबी में 181 स्थानों पर कुल 562 सीसीटीवी हैं और 16 अन्य स्थानों पर 35 और सीसीटीवी लगाए जाएंगे. इसी तरह, फ़तेहपुर में 491 स्थानों पर 852 सीसीटीवी हैं और 37 स्थानों पर 50 और कैमरे लगाए जाएंगे. प्रतापगढ़ में 521 स्थानों पर 1109 सीसीटीवी कैमरे लगेंगे. प्रयागराज रेंज में तीन जिले – कौशांबी, प्रतापगढ़ और फ़तेहपुर शामिल हैं. 1246 स्थिर स्थानों पर 2608 कैमरे होंगे.इसी तरह, चित्रकूट धाम रेंज के चार जिलों महोबा, चित्रकूट, हमीरपुर और बांदा में 220 स्थिर स्थानों पर कुल 573 कैमरे होंगे। इन कैमरों की स्थापना से न केवल बेहतर यातायात प्रबंधन सुनिश्चित होगा बल्कि प्रभावी अपराध नियंत्रण में भी मदद मिलेगी.

कानून तोड़ने वालों की पहचान सुनिश्चित होगी

एक वरिष्ठ पुलिसकर्मी ने बताया, ऑपरेशन दृष्टि के तहत, पुलिस का लक्ष्य स्थापित सीसीटीवी सेटों का अधिकतम उपयोग सुनिश्चित करना है, जो न केवल पुलिस को अपराध की घटनाओं पर अंकुश लगाने में मदद करेगा, बल्कि निवासियों के बीच एक सुरक्षित भावना भी सुनिश्चित करेगा. यदि कोई घटना होती है तो सीसीटीवी फुटेज पुलिस को कानून तोड़ने वालों की पहचान सुनिश्चित करने में मदद करेगा.

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यह है आपरेशन ऑपरेशन दृष्टि

यूपी पुलिस ने प्रदेश में अपराधियों पर नजर रखने,अपराध पर नियंत्रण करने और घटनाओं के अनावरण के लिए सीसीटीवी कैमरों का उपयोग कर आम जनता,विशेषकर महिलाओं में सुरक्षा की भावना पैदा करने की कवायद शुरू की है. यूपी के पुलिस महानिदेशक ने प्रदेश के सभी जोनल अपर पुलिस महानिदेशक,पुलिस आयुक्त, क्षेत्रीय पुलिस महानिरीक्षक,पुलिस उप महानिरीक्षक और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक और पुलिस अधीक्षक को निर्देश जारी कर प्रदेश के सभी जिलों में सीसीटीवी कैमरे व्यवस्थित करने के निर्देश दिये हैं. प्रदेश के सभी जिलों के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में लगाये जाने वाले सीसीटीवी कैमरों के संचालन एवं स्थापना में एकरूपता हेतु तैयार मानक संचालन प्रक्रिया के संबंध में दिशा-निर्देश जारी किये गये हैं.

इसलिए शुरू किया गया ऑपरेशन

सार्वजनिक सुरक्षा, विशेषकर महिला सुरक्षा को मजबूत करके उनमें सुरक्षा की नई भावना पैदा की जा सकती है. आपराधिक घटनाओं के अनावरण में कैमरों की फुटेज का उपयोग कर पुलिस की छवि सुधारी जाये. निर्दोष लोगों की जान बचाने और असली अपराधी का पता लगाने के लिए कैमरे के फुटेज का इस्तेमाल जांच के लिए किया जाना चाहिए. सेफ सिटी और स्मार्ट सिटी में लगे कैमरों से जुड़कर इनका उपयोग सुरक्षित वातावरण और अन्य योजनाओं की निगरानी में किया जा सकेगा. स्थानीय पुलिस (थाना प्रभारी, बीट उपनिरीक्षक एवं बीपीओ) को अपने क्षेत्र के संभ्रांत लोगों से व्यक्तिगत संपर्क कर उन्हें सीसीटीवी कैमरे का महत्व बताते हुए एक या अधिक स्थानों पर कैमरे लगवाने के लिए प्रेरित करना चाहिए.

कैमरा स्थापना के लिए स्थानों का चयन

सुरक्षा एवं अपराध-नियंत्रण की दृष्टि से कैमरे लगाने के लिए आवश्यक सार्वजनिक स्थानों, तिराहों एवं तिराहों का चयन सावधानीपूर्वक किया जा रहा है. इसमें थाना प्रभारी के अलावा संबंधित क्षेत्राधिकारी व अन्य अधिकारियों की राय भी शामिल की जाएगा. कैमरे लगाने के लिए स्थानों का चयन करते समय उन स्थानों को प्राथमिकता दी जाएगी जहां पूर्व में घटनाएं हुई हों. आपराधिक दृष्टि से संवेदनशील स्थान हों. प्रायोजकों, संभ्रांत नागरिकों, वाणिज्यिक बैंकों, पेट्रोल पंप आदि प्रतिष्ठानों को अपने निजी प्रतिष्ठानों पर लगे कैमरों का फोकस पार्कों,सड़कों एवं सार्वजनिक स्थानों की ओर करने के लिए प्रेरित किया जाएगा.

कमान और नियंत्रण केंद्र बनाए गए

कैमरों के बेहतर उपयोग और उनकी फुटेज के बेहतर विश्लेषण के लिए पुलिस कंट्रोल रूम, यूपी-112 कंट्रोल रूम में ‘ऑपरेशन दृष्टि’ कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है. किसी भी घटना की स्थिति में विभिन्न स्थानों के बीच लगे कैमरों की फुटेज देखी जा सकेगी. पुलिस विश्लेषण कर सकेगी. इस कंट्रोल रूम के माध्यम से शहर के अंदर लगे उच्च गुणवत्ता वाले सीसीटीवी कैमरों की लाइव मॉनिटरिंग भी की जाएगी.

कैमरों का मानक भी तय

सीसीटीवी कैमरे निर्धारित मानक के होने चाहिए तथा उनकी गुणवत्ता उच्च कोटि की होनी चाहिए, ताकि उनमें एकरूपता बनी रहे और आवश्यकता पड़ने पर उनका सदुपयोग किया जा सके. कैमरों में स्थाई इंटरनेट कनेक्टिविटी की सुविधा का विशेष ध्यान रखा जाएगा. सीसीटीवी कैमरों से जुड़े एनवीआर, डीवीआर, पीओई आदि उपकरणों के मानक भी तय कर दिए गए हैं.

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