25.4 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

यूपी निकाय चुनाव: लोकसभा चुनाव से पहले ही जुदा हुई सपा-रालोद की राहें! निकाय चुनाव में दोनों दल आमने-सामने

यूपी निकाय चुनाव: खास बात है कि दोनों दलों की ओर से प्रत्याशी उतारने की रेस के बीच पार्टी अध्यक्ष स्तर पर खामोशी छाई हुई है. सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और रालोद प्रमुख जयंत चौधरी दोनों अपने कार्यकर्ताओं को निकाय चुनाव पूरी मेहनत से लड़ने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं.

यूपी निकाय चुनाव: भाजपा के खिलाफ एक जुट होकर लड़ाई में जीत का दावा करने वाली समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय लोक दल की राहें लोकसभा चुनाव 2024 से पहले ही अलग होती नजर आ रही हैं. इसकी वजह निकाय चुनाव में सीटों का गणित है, जिस पर फार्मूला नहीं निकलने के कारण दोनों दलों ने अपने उम्मीदवार सियासी मैदान में उतार दिए हैं.

सपा पर गलत तरीके से उम्मीदवार उतारने का आरोप

निकाय चुनाव को लेकर मेरठ नगर निगम में तनातनी की स्थिति के बाद रालोद ने भी मेयर पद पर अपना उम्मीदवार उतारने की घोषणा कर दी है, जबकि समाजवादी पार्टी ने पहले ही यहां विधायक अतुल प्रधान की पत्नी सीमा प्रधान को अपना प्रत्याशी घोषित किया है. पार्टी के प्रदेश मीडिया संयोजक सुनील रोहटा के मुताबिक मेरठ में भी रालोद प्रत्याशी उतारेगा. जनपद की 42 सीटों पर पार्षद के उम्मीदवार भी उतारे जा चुके हैं. उन्होंने कई सीटों पर सपा द्वारा अपने उम्मीदवार गलत ढंग से उतारने का आरोप लगाया.

बिजनौर में दोनों दलों में खींचतान

बिजनौर नगर पालिका अध्यक्ष के लिए रालोद से सपा की असंतुष्ट नेता रुखसाना ने नामांकन दाखिल किया है. यहां से सपा ने स्वाति वीरा को प्रत्याशी बनाया है. बिजनौर जनपद में ही नगर पालिका परिषद समेत अध्यक्ष पद के लिए छह सीटों हल्दौर, नहटौर, नूरपुर, धामपुर, चांदपुर पर दोनों दलों में खींचतान साफ दिखाई दे रही है और कोई भी पीछे हटने को तैयार नहीं है।

Also Read: अतीक-अशरफ हत्याकांड: विशेषज्ञ कमेटी बनाने की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में 24 अप्रैल को सुनवाई, एनकाउंटर पर सवाल
रालोद को पश्चिमी यूपी में पीछे हटना मंजूर नहीं

पश्चिमी यूपी में निकाय चुनाव की जीत हार से ज्यादा रालोद और सपा की आपसी लड़ाई की चर्चा है. यूपी के इस चुनावी बेल्ट में रालोद अपना दावा मजबूत मानता आया है, उसकी सियासत का केंद्र ही पश्चिमी यूपी रहा है. लेकिन जिस तरह से बागपत में भी सपा और रालोद में सियासी दांवपेंच देखने को मिल रहा है, उससे भाजपा फायदे की स्थिति में आ गई है.

बागपत जनपद की नगर पालिका बड़ौत सीट पर सपा ने रणधीर प्रधान को अध्यक्ष पद का उम्मीदवार घोषित कर दिया. खास बात है कि रालोद के इस सीट पर उम्मीदवार के ऐलान से पहले ही सपा ने जिस तेजी से प्रत्याशी घोषित किया, उससे सभी दंग रह गए. इसी तरह बागपत की नगर पालिका खेकड़ा में भी अध्यक्ष पद के लिए सपा ने संगीता धामा को प्रत्याशी घोषित किया, जबकि रालोद ने यहां से रजनी धामा को उम्मीदवार बनाया है.

सहारनपुर में दोनों दल आमने-सामने

सहारनपुर की नगर पंचायत अंबेहटा पीर पर अध्यक्ष पद के लिए पहले रालोद प्रत्याशी रेशमा के नामांकन करने के बाद सपा से इशरत जहां ने भी परचा दाखिल कर दिया. शामली की कांधला नगर पालिका में अध्यक्ष पद के लिए सपा से नजमुल हसन और रालोद से मिर्जा फैसल बेग आमने सामने हैं.

अखिलेश यादव और जयंत चौधरी ने साधी चुप्पी

खास बात है कि दोनों दलों की ओर से प्रत्याशी उतारने की रेस के बीच पार्टी अध्यक्ष स्तर पर खामोशी छाई हुई है. सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और रालोद प्रमुख जयंत चौधरी दोनों अपने कार्यकर्ताओं को निकाय चुनाव पूरी मेहनत से लड़ने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं. लेकिन एक दूसरे के खिलाफ प्रत्याशी उतारने पर उन्होंने कुछ नहीं कहा है. रालोद के स्थानीय नेता पश्चिमी यूपी में अपनी सियासत का हवाला देते हुए यहां से सपा प्रत्याशी उतारे जाने का विरोध कर रहे हैं.

सपा नेताओं का भी मानना है पश्चिमी यूपी में अलग अलग मैदान में उतरने से नुकसान हो सकता है. लेकिन, पार्टी नेतृत्व खामोश है. माना जा रहा है कि सपा नेतृत्व नहीं चाहता कि यूपी के किसी हिस्से में वह कमजोर दिखे, खासतौर से जब अगले वर्ष लोकसभा चुनाव होने हों. ऐसे में वह अपने कार्यकर्ताओं का मनोबल भी नहीं तोड़ना चाहता. इसलिए बयानबाजी से बचते हुए सीधे प्रत्याशी उतारे जा रहे हैं. पार्टी ने इस सियासी रण को लेकर चुनाव संचालन समिति का ​भी गठन कर दिया है, जो पूरे प्रदेश में नजर रखेगी.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें