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सरयू एक्सप्रेस महिला कांस्टेबल केस: हमलावरों की सूचना देने वाले को मिलेगा एक लाख का इनाम, STF ने नंबर किए जारी

यूपी एसटीएफ के अफसरों के मुताबिक सरयू एक्सप्रेस कांड में हमलावरों के बारे में अगर किसी व्यक्ति के पास कोई जानकारी है तो वह एसटीएफ के एडिशनल एसपी, सीओ एसटीएफ और इंस्पेक्टर एसटीएफ के मोबाइल नंबर पर जानकारी दे सकता है. किसी भी तरह की सूचना देने वाला नाम और पता पूरी तरह से गोपनीय रखा जाएगा.

Lucknow: अयोध्या जा रही सरयू एक्सप्रेस में महिला हेड कॉन्स्टेबल के साथ बर्बरता मामले में हमलावरों की जानकारी देने वाले के एक लाख का पुरस्कार दिया जाएगा. यूपी एसटीएफ ने आरोपियों के जानकारी देने के लिए तीन मोबाइल नंबर जारी किए हैं.

इन मोबाइल नंबरों पर दें जानकारी

यूपी एसटीएफ के अफसरों के मुताबिक सरयू एक्सप्रेस कांड में हमलावरों के बारे में अगर किसी व्यक्ति के पास कोई जानकारी है तो वह एसटीएफ के एडिशनल एसपी के मोबाइल नंबर 94544401210, सीओ एसटीएफ के मोबाइल नंबर 9454401828 और इंस्पेक्टर एसटीएफ के मोबाइल नंबर 9454402257 पर जानकारी दे सकता है. किसी भी तरह की सूचना देने वाला नाम और पता पूरी तरह से गोपनीय रखा जाएगा.

दुष्कर्म की पुष्टि नहीं, कॉन्स्टेबल की मनोदशा है खराब

इस बीच इलाहाबाद हाईकोर्ट में पेश एसटीएफ अफसरों ने जानकारी दी है कि सरयू एक्सप्रेस में खून से लथपथ मिली महिला हेड कॉन्स्टेबल सुमित्रा पटेल के साथ दुष्कर्म की पुष्टि नहीं हुई है. कॉन्स्टेबल ने अपने बयानों में भी इसकी पुष्टि की है कि उसके साथ छेड़छाड़ या दुष्कर्म नहीं हुआ. यूपी एसटीएफ के मुताबिक अभी कॉन्स्टेबल की मानसिक हालत ठीक नहीं है, इसलिए वह बार-बार बयान बदल रही है. कोर्ट को बताया गया कि मामले की जांच 26 लोगों की टीम कर रही है.

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अंधेरा होने के कारण सीसीटीवी से नहीं मिल रही मदद

यूपी एसटीएफ के सीओ के मुताबिक मजिस्ट्रेट के समक्ष उसका बयान दर्ज कराया गया है. घायल की मनोदशा ठीक नहीं है. उसके पुलिस की ओर से धारा 161 के तहत दर्ज बयानों और मजिस्ट्रेट के सामने धारा-164 के तहत दर्ज कलमबंद बयानों में भिन्नता है. मेडिकल बोर्ड की जांच या उसने बयानों में दुराचार की बात सामने नहीं आई है. सीओ ने बताया कि सरयू एक्सप्रेस ट्रेन की जिस बोगी में यह घटना घटी, वहां अंधेरा था और सीसीटीवी में कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा है. पीड़िता भी हमलावरों को देख नहीं पाई, क्योंकि वार पीछे से किया गया था.

प्रॉपर्टी को लेकर विवाद भी आया सामने

प्रारंभिक जांच रिपोर्ट में यह बात भी सामने आई है कि प्रॉपर्टी को लेकर उसका विवाद चल रहा है. हालांकि, उसने किसी पर कोई आरोप नहीं लगाया है. अधिवक्ता राम कौशिक की ओर से तीन सितंबर को दाखिल याचिका पर सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायमूर्ति प्रीतिंकर दिवाकर एवं न्यायमूर्ति आशुतोष श्रीवास्तव की खंडपीठ के सवाल पर एसटीएफ अधिकारी ने बताया कि मामले के खुलासे के लिए 26 लोगों की टीम लगाई गई है. जल्द ही घटना का पर्दाफाश कर लिया जाएगा.

यूपीएसटीएफ ने तीन सप्ताह ने मांगा है वक्त

शासकीय अधिवक्ता आशुतोष कुमार संड के मुताबिक अभी तक की जांच से अदालत और याची अधिवक्ता ने संतुष्टि जताई है. यूपी एसटीएफ ने जांच पूरी करने के लिए कोर्ट से तीन सप्ताह का समय और मांगा है, जिस पर सहमति जताते हुए नौ अक्तूबर को सुनवाई नियत की गई है.

लखनऊ में केजीएमयू ट्रामा सेंटर में चल रहा इलाज

महिला कॉन्स्टेबल को बेहोशी की हालत में अयोध्या के दर्शन नगर मेडिकल कॉलेज ले जाया गया. जहां से उसे बेहतर इलाज के लिये केजीएमयू लखनऊ भेज दिया गया. जानकारी मिलने पर उसके परिजन भी पहुंचे. महिला कॉन्स्टेबल का केजीएमयू के ट्रामा सेंटर में इलाज जारी है

सुलतानपुर में है तैनाती, अयोध्या में थी मेला ड्यूटी

महिला कॉन्स्टेबल सुलतानपुर में तैनात है. वह 1998 बैच की कॉन्स्टेबल है. उसकी अयोध्या मेला ड्यूटी लगायी गयी थी. इसके लिए वह 30 अगस्त को सुलतानपुर से अयोध्या आ रही थी. सुबह 4.30 बजे ट्रेन के अंदर वह गंभीर रूप से घायल अवस्था में मिली. उसका चेहरा तक क्षत-विक्षत हो गया. लेकिन, वह अयोध्या से आगे गोंडा के मनकापुर तक कैसे पहुंच गई, इसकी जानकारी नहीं हो सकी है. सिपाही के सिर पर भी धारदार हथियार के घाव मिले हैं.

चलती ट्रेन में हुआ हादसा!

सिपाही के साथ वारदात की सूचना के बाद एसपी रेलवे पूजा यादव भी अयोध्या पहुंची थी. उन्होंने कहा कि मनकापुर में जीआरपी पुलिस ने ट्रेन में महिला कॉन्स्टेबल से पूछताछ की थी, तब तक वह ठीक थी. उसने बताया था कि नींद आने पर पर सो गई थी. सुबह इसी ट्रेन से वह वापस अयोध्या ड्यूटी करने पहुंच जाएगी. जिस सरयू एक्सप्रेस में वह घायल मिली व मनकापुर से चलकर सीधे अयोध्या रेलवे स्टेशन पर रुकती है. इसलिये आशंका व्यक्त की जा रही है कि महिला सिपाही के साथ हादसा चलती ट्रेन में हुआ है. ऐसे में बड़ा सवाल है कि यात्रियों से भरी ट्रेन में ये कैसे संभव है.

जीआरपी स्कॉर्ट एक कोच में बैठने को मजबूर

ट्रेन में जीआरपी स्कॉर्ट था, इसके बावजूद उसे इतनी बड़ी घटना की भनक तक नहीं लगी. मामले में जीआरपी अयोध्या कैंट प्रभारी पप्पू यादव का कहना है कि सरयू एक्सप्रेस मनकापुर से चलकर अयोध्या में ही रुकती है. ट्रेन के डिब्बे सिंगल हैं. वह आपस में जुड़े नहीं रहते हैं. ऐसे में स्कॉर्ट जिस डिब्बे में सवार होता है, उसी में रह जाता है. जब ट्रेन किसी स्टेशन पर रुकती है, तब वह डिब्बा बदलते हैं.

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