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UP News: यूपी निकाय चुनाव में हुई गड़बड़ियां, कांग्रेस ने की हाईकोर्ट के जज से जांच कराने की मांग

कांग्रेस नेताओं का कहना है कि लखनऊ में 7 लाख वोट बढ़ने के बावजूद मतदान में 2 प्रतिशत की गिरावट चिंताजनक है. लखनऊ सहित प्रथम चरण के अंतर्गत हुए संपूर्ण नगर निकाय चुनाव की जांच उच्च न्यायालय के कार्यरत न्यायाधीश की अध्यक्षता में कराई जाए और दोषियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाये.

लखनऊ: कांग्रेस ने यूपी निकाय चुनाव में गड़बड़ियों का आरोप लगाया है. प्रांतीय अध्यक्ष व विधायक वीरेंद्र चौधरी ने शुक्रवार को प्रेस कांफ्रेस में कहा कि जिस प्रकार मतदाता सूची में गड़बड़ियां मिली हैं, बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है. आजादी के 75 वर्ष बाद जबकि देश पूरी तरह डिजिटल हो चुका है, ऐसे में वोटर लिस्ट से मतदाताओं के नाम गायब होना दुर्भाग्यपूर्ण है. यह उप्र चुनाव आयोग की स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव सम्पन्न कराने की मंशा पर प्रश्नचिन्ह लगाता है.

वोटर लिस्ट से गायब थे लोगों के नाम

प्रांतीय अध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री नकुल दुबे ने कहा कि राजधानी लखनऊ में मतदान को लेकर गड़बड़ियां पायी गयीं. मतदाता सूची में नाम होने के बावजूद पर्ची न होने पर मतदाताओं को उनके मताधिकार से वंचित किया गया. भारी संख्या में लोगों के नाम वोटर लिस्ट से गायब मिला. स्थानीय प्रशासन से शिकायत करने पर मतदाता की शिकायत का समाधान करने के बजाए लोगों को चार से पांच घंटे तक थाने पर बैठाया गया. यह सभी घटनाएं लोकतंत्र के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है.

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7 लाख वोट बढ़ा लेकिन मतदान में गिरावट

नकुल दुबे ने कहा कि लखनऊ में 7 लाख वोट बढ़ने के बावजूद मतदान में 2 प्रतिशत की गिरावट चिंताजनक है. उन्होने लखनऊ सहित प्रथम चरण के अंतर्गत हुए संपूर्ण नगर निकाय चुनाव की जांच उच्च न्यायालय के कार्यरत न्यायाधीश की अध्यक्षता में कराई जाए और दोषियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाये.

कांग्रेस के विधायक प्रत्याशियों के नाम भी नहीं मिले

बख्शी का तालाब विधानसभा क्षेत्र से 2022 में कांग्रेस प्रत्याशी रहे ललन कुमार ने कहा कि 5 जनवरी 2023 को जो वोटर लिस्ट जारी हुई थी, उसमें उनका नाम था. लेकिन 1 अप्रैल को जो लिस्ट जारी हुई उसमें से उनका नाम और उनके निवास स्थान के सोसाइटी में रहने वाले लगभग 300 लोगों का नाम मतदाता सूची से गायब कर दिया गया. इसकी शिकायत करने पर स्थानीय प्रशासन पूरी तरह हिटलरशाही रवैये पर अमादा था.

40 साल में पहली बार वोटर लिस्ट में नहीं मिला नाम

इसी प्रकार लखनऊ मध्य से 2022 में विधानसभा की प्रत्याशी रहीं सदफ जाफर एवं लखनऊ पूर्व से कांग्रेस प्रत्याशी रहे व लखनऊ विवि छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष मनोज तिवारी का भी नाम वोटर लिस्ट से गायब कर दिया गया. इतना ही नहीं स्वतंत्रता संग्राम सेनानी परिवार की मीनाक्षी कौल, जो कि लगभग 40 वर्षों से अपने मताधिकार का प्रयोग कर रही थीं, वोटर लिस्ट में नाम होने के बावजूद उन्हें मताधिकार के प्रयोग से वंचित कर दिया गया.

शिकायतकर्ताओं को पुलिस ने थाने में बैठाया

इसकी शिकायत करने पर जिलाधिकारी लखनऊ जो कि निर्वाचन अधिकारी भी होते हैं, उन्होने उनके सहित प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री एवं प्रभारी प्रशासन दिनेश सिंह एवं ओवरसीज कांग्रेस उप्र के चेयरमैन कैप्टन बंशीधर मिश्रा को गौतमपल्ली थाने पर लगभग 4 घंटे तक बैठाकर रखा गया. इस घटना से मीनाक्षी कौल बहुत ही आहत और सदमें में हैं. नकुल दुबे ने कहा कि इस सम्पूर्ण प्रकरण को लेकर उन्होंने महामहिम राज्यपाल से मुलाकात के लिये समय मांगा है. प्रेसवार्ता में मीडिया संयोजक एवं प्रवक्ता अशोक सिंह भी मौजूद थे.

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