10.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

AIMPLB: यूनिफॉर्म सिविल कोर्ड लागू करना अलोकतांत्रिक, आर-पार की लड़ाई, भाईचारा खत्म होने से होगा बड़ा नुकसान..

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने कहा कि हमारे संविधान में हर नागरिक को किसी धर्म को अपनाने और धर्म का प्रचार करने की पूरी आजादी दी गई है. लेकिन, वर्तमान में कुछ प्रदेशों में ऐसे कानून लाए गए हैं, जिसमें नागरिकों को इस अधिकार से वंचित करने की कोशिश की गई है, जो निंदनीय है.

Lucknow: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में रविवार को ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की कार्यकारिणी में कई अहम प्रस्ताव पारित किए गए. इस दौरान यूनिफॉर्म सिविल कोड और देश के विभिन्न अदालतों में चल रहे मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड से संबंधित मुकदमों पर गहन चर्चा हुई.

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की एग्जीक्यूटिव कमेटी की मीटिंग नदवतुल दावत उलमा लखनऊ में बोर्ड के अध्यक्ष मौलाना सैयद राबे हसन नदवी की अध्यक्षता में हुई, जिसमें देश भर से सदस्यों ने शिरकत की. इस दौरान कई बिंदुओं पर विस्तार से चर्चा हुई. इनमें यूनिफॉर्म सिविल कोड सहित कई अहम विषय शामिल थे. इस दौरान कहा गया कि धर्म परिवर्तन, लव जिहाद आदि के नाम पर देश में नफरत का माहौल तैयार किया जा रहा है और बुलडोजर संस्कृति के नाम उत्पीड़नात्मक कार्रवाई हो रही है.

एआईएमपीएलबी ने बैठक में यूनिफॉर्म सिविल कोड (समान नागरिक संहिता) पर एक प्रस्ताव पारित किया, जिसमें इसके कार्यान्वयन को अनावश्यक माना गया साथ ही इस बात पर जोर दिया गया कि 1991 के पूजा स्थल अधिनियम को बनाए रखा और अच्छी तरह से लागू किया जाना चाहिए. यूसीसी के मुद्दे पर बोर्ड अब आर-पार की लड़ाई करने की तैयारी में है. इसके विरोध में सिख, ईसाई, दलित और आदिवासी समुदायों एक जुट करने की भी मुहिम चलाई जाएगी. साथ ही धर्मांतरण के मुद्दे पर धर्म की स्वतंत्रता पर भी जोर दिया.

बोर्ड ने प्रस्ताव पारित करने के दौरान कहा कि बैठक महसूस करती है कि देश में नफरत का जहर घोला जा रहा है जो देश के लिए नुकसानदेह है. स्वतंत्रता संग्राम और संविधान के बनाने वालों ने इस देश के लिए जो रास्ता तय किया था, इस समय वह उस सोच के बिलकुल खिलाफ है. यहां सदियों से हर धर्म के मानने वाले विभिन्न बोलियों और सभ्यताओं से संबंध रखने वालों ने देश की सेवा की है और देश को आगे बढ़ाने में बराबर का हिस्सा लिया.

Also Read: UP Crime: देवरिया में अपहृत छात्र की हत्या कर झाड़ियों में फेंका शव, फूफा और बेटा गिरफ्तार, सामने आई ये वजह…

बैठक में कहा कि अगर यह भाईचारा खत्म हो गया तो देश का बड़ा नुकसान होगा. इसलिए यह बैठक सरकार, मजहबी रहनुमाओं, कानून विशेषज्ञों, सियासी रहनुमाओं और मीडिया के लोगों से अपील करता है कि नफरत की आग को बुझाने की कोशिश करें.

बोर्ड ने कहा कि हमारे संविधान में हर नागरिक को किसी धर्म को अपनाने और धर्म का प्रचार करने की पूरी आजादी दी गई है. लेकिन, वर्तमान में कुछ प्रदेशों में ऐसे कानून लाए गए हैं, जिसमें नागरिकों को इस अधिकार से वंचित करने की कोशिश की गई है, जो निंदनीय है. पर्सनल लॉ बोर्ड ने अपने प्रस्ताव में कहा हुकूमत से अपील है कि वह आम नागरिकों की मजहबी आजादी का भी एहतराम करे और यूनिफॉर्म सिविल कोड को लागू करना अलोकतांत्रिक होगा. उन्होंने सरकार से इस इरादे को छोड़ने की अपील की है.

बोर्ड के महासचिव मौलाना खालिद सैफुल्लाह रहमानी ने कहा कि समान नागरिक संहिता अल्पसंख्यकों के साथ दलित व आदिवासी समाज की धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान को भी नुकसान पहुंचानी वाली है. विभिन्न धर्म और संस्कृतियों वाले हिंदुस्तान में समान नागरिक संहिता लागू करना गैर संवैधानिक कदम है. बोर्ड ने यूसीसी के विरोध के लिए 9 सदस्यीय केंद्रीय कमेटी का गठन करते हुए कहा कि समान नागरिक संहिता धार्मिक सांस्कृतिक पहचान खत्म करने प्रयास है. इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता.

बैठक में बैठक ने मुसलमानों से अपील करते हुए कहा वह अधिक से अधिक अपने शैक्षिक संस्थान कायम करें, जहां पर मॉडन शिक्षा के साथ-साथ अपनी सभ्यता और कल्चर की सुरक्षा भी यकीनी बनाई जा सके. इस दौरान गुजरात और उत्तराखंड में कमेटियों का गठन किए जाने पर भी चर्चा हुई.

इस दौरान बोर्ड के उपाध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी, मौलाना फखरुददीन अशरफ, प्रो. सैयद अली नकवी, मौलाना असगर अली इमाम मेंहदी, मौलाना फजलुर्रहीम मुजददिदी, मौलाना महमूद मदनी, मौलाना सज्जाद नोमानी, मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली, असदउददीन ओवैसी, डॉ. कासिम रसूल इलियास, कमाल फारूकी, मौलाना अतीक अहमद बस्तवी, डॉ. मोनिशा बुशरा, एडवोकेट यूसुफ हातिम मछाला आदि शामिल रहे.

Sanjay Singh
Sanjay Singh
working in media since 2003. specialization in political stories, documentary script, feature writing.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel