प्रतिनिधि, कोचस नवरात्र के अवसर पर लहेरी गांव में चल रहे रामलीला में मंगलवार की देर रात कलाकारों ने रामजन्म का मंचन किया. रावण, कुंभकर्ण और विभीषण ने ब्रह्मा को प्रसन्न करने के लिए घोर तपस्या की थी, जिसके बाद ब्रह्मा ने उन्हें वरदान दिया. इस दौरान रावण ने अजय होने का वरदान मांगा. जबकि, कुंभकर्ण ने छह माह तक सोने का वरदान मांगा और विभीषण ने प्रभु श्रीराम के चरणों में हमेशा रहने का वरदान मांगा. ब्रह्मा से वरदान पाकर रावण और कुंभकर्ण देवी-देवताओं पर अत्याचार करने लगा. इस बीच सभी देवी-देवता धर्म की रक्षा करने के लिए भगवान विष्णु के पास पहुंचे. देवताओं के आग्रह पर श्रीहरि विष्णु ने राम के रूप में अवतार लेने व रावण के विनाश करने की बात कही. व्यासपीठ अनिल सिंह ने नौवीं तिथि मधु मास पुनीता, शुक्लपक्ष अभिजित हरिप्रीता की चौपाई गाते ही अयोध्या के राजा दशरथ के राजमहल में बधाई बाजने लगता है. इस दौरान भोजपुरी सीने स्टार व लोकगायक कलाकार रितेश पांडेय का मंच पर आगमन हुआ. उन्होंने भजन गाकर दर्शकों क़ो मंत्रमुग्ध कर दिया. इस दौरान रितेश पाण्डेय ने रामजन्म पर एक सोहर भी गाया. सोहर सुन महिलाएं व पुरुष ताली बजाने पर मजबूर हो गयीं. बाहर से आये अतिथियों क़ो ग्रामीण सह संचालक डॉ श्यामबिहारी सिंह ने अंगवस्त्र देकर सम्मानित किया. इस दौरान राजा सिंह ने रावण का अभिनय किया. वहीं, उमेश सिंह कुम्भकर्ण, निशांत कुमार विभीषण, छोटू ब्रम्हाजी और चेतन राजा दशरथ का अभिनय किया.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

