घटनाक्रम. गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज होने के बाद बरामद हुआ था शव
पुलिस के बदले व्यवहार से परिजन संतुष्ट, इंसाफ मिलने की उम्मीद जगीफोटो-11-सूरज का फाइल फोटो.
फोटो-11ए-घटनास्थल पर बदले आइओ के साथ मौजूद परिजन.प्रतिनिधि, बिक्रमगंजबिक्रमगंज थाना क्षेत्र के धनगाई गांव निवासी सूरज कुमार हत्याकांड में सोमवार को एक नया मोड़ आया. शव मिलने के अगले ही दिन इस मामले के जांच अधिकारी (आइओ) बदल दिये गये. अब इस केस की कमान युवा और तेजतर्रार एसआइ रवि रंजन प्रियदर्शिनी को सौंपी गयी है. इससे पहले यह केस एसआइ जय जयराम वर्मा के अधीन था. थानाध्यक्ष ललन कुमार ने बताया कि यह मामला शुरू में गुमशुदगी का था, जिसकी एफआइआर सूरज की मां मीरा कुमारी के आवेदन पर पांच जून को दर्ज की गयी थी. तब इस केस की संख्या 385/25 दी गयी और जांच की जिम्मेदारी एसआइ जय जयराम वर्मा को सौंपी गयी थी. लेकिन, आठ जून को जब सूरज का शव नोनहर गांव के बधार में स्थित एक कुएं से बरामद हुआ, तब केस ने नया रुख लिया और यह गुमशुदगी अब हत्या में तब्दील हो गयी. तकनीकी कारणों से केस का आइओ बदला गया है, हालांकि एफआइआर संख्या वही है, केवल धाराएं बदली गयी हैं.थानाध्यक्ष ललन कुमार ने बताया कि अब तक इस हत्याकांड में किसी भी आरोपित की पहचान या नामजद एफआइआर नहीं हुई है. पुलिस जांच के शुरुआती चरण में है और हर पहलू की बारीकी से पड़ताल कर रही है. इसी कड़ी में सोमवार को केस के नये आइओ रवि रंजन प्रियदर्शिनी सूरज के परिजनों और रिश्तेदारों को साथ लेकर घटनास्थल यानी कुएं पर पहुंचे और नये सिरे से छानबीन शुरू की. इस बीच, मृतक सूरज की बहन पूजा देवी ने बताया कि सात जून को जब वह अपने भाई की गुमशुदगी की जानकारी लेने थाना पहुंची थी, तब वहां मौजूद ओडी ड्यूटी पर तैनात एक अधिकारी ने उनके साथ बेहद असंवेदनशील व्यवहार किया. हालांकि, बाद में पुलिस के रवैये में बदलाव आया और अब परिवार पुलिस का सहयोग पाकर संतुष्ट है. पूजा ने उम्मीद जतायी कि उन्हें न्याय अवश्य मिलेगा.किसी से कोई दुश्मनी नहीं थी
स्थानीय लोगों के अनुसार, सूरज एक शांत स्वभाव का युवक था और उसकी किसी से कोई दुश्मनी नहीं थी. ऐसे में उसकी हत्या कई सवाल खड़े करती है. अब सबकी निगाहें पुलिस जांच पर टिकी हैं कि वह इस रहस्य से कब पर्दा उठाती है. यह मामला अब बिक्रमगंज अनुमंडल क्षेत्र में बढ़ते अपराध और युवाओं की सुरक्षा को लेकर भी चिंता का विषय बनता जा रहा है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

