सिलाव़ नालंदा खुला विश्वविद्यालय में दिनांक को नई शिक्षा नीति 2020 के सारथी कार्यक्रम के अंतर्गत जागरूक अभियान के तहत भारतीय ज्ञान प्रणाली पर व्याख्यान का आयोजन हुआ। भारतीय ज्ञान परंपरा में वेद, पुराण, उपनिषद, सांख्य वर्तमान में भी अपनी महत्ता बनाये हुए है । डाॅ किरण पाण्डेय ने कहा कि शिक्षा को तकनीक से जोड़ना पुरानी परंपरा हैण वर्तमान में जिन विषयों को हम भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान, मनोविज्ञान, समाजशास्त्र,भूगोल ,तर्क शास्त्र वगैरह वहीं विषय है ,जो चारों वेद और अठारह पुराणों मे वर्णित है . डाॅ संगीता कुमारी एन. ई. पी. काॅ ऑडिनेटर ने एन. ई. पी. 2020 के सारथी कार्यक्रम की सार्थकता को बताया कि सारथी कार्यक्रम केअंतर्गत शिक्षार्थी स्वम उच्च शिक्षा में सुधार व प्रसार का वाहक होता है. डाॅ पल्लवी ने कहा कि नालंदा की पवित्र भूमि ने विश्व को अपने शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक उन्नयन का मार्ग दिखाया .भारतीय ज्ञान परंपरा करीब पांच हजार साल पुराना है . नालंदा के तारेगना ,जहां शुन्य का जन्म हुआ. ई.पू. 400 वर्ष पतंजलि ने योग पर पुस्तक लिखी थी . डाॅ मीना कुमारी ,उत्साह पोटल की काॅ ऑडिनेटर ने बताया कि विश्व की दो ज्ञान परंपरा , जिसमें भारतीय ज्ञान परंपरा तथा चीन ज्ञान परंपरा सर्वाधिक पुरानी परम्पराओं मे एक है । श्री आफताब अहमद सारथी काॅ ऑडीनेटर ने कहा कि ज्ञान परंपरा को संरक्षित एवं संप्रेषित करने में पुस्तकालय की अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका रही है .यूनेस्को इस संबंध में विश्व स्तर पर ज्ञान एवं परंपरा की विरासत को बचाने के लिए इ- विरासत कार्यक्रम संचालित कर रहा है . भारत में भी इस संबंध में इस – विरासत कार्यक्रम को भारतीय विरासत को बचाने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है . विश्वविद्यालय में सारथी कार्यक्रम के अंतर्गत दिनांक 29/08/25 को एन.ई.पी. सारथी जागरूकता रैली निकाली गयी.
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