चक्रधरपुर.
चक्रधरपुर के रेलवे क्षेत्र स्थित नौकाविहार के लिए बना बर्टन लेक आठ माह से बंद है. इससे रेलवे का संसाधन बेकार हो रहा है. चक्रधरपुर की घनी आबादी वाले इलाके में बर्टन लेक मनोरंजन स्थल है. बर्टन लेक में नौकाविहार के लिए काफी भीड़ होती थी. फिलहाल आठ माह से यह बर्टन लेक व नौकाविहार बंद है. बर्टन लेक में नौकाविहार के लिए रेलवे ने 6 नये बोट लाये थे. इसमें 4 पुराने बोट भी थे. यह 10 बोट कई माह से धूल फांक रहे हैं. बाहर से बर्टन पार्क रोशनी से जगमगा रहा है. मालूम रहे कि 8 जनवरी 2019 में बर्टन लेक का नवीकरण व संवर्धन का काम हुआ था. बर्टन लेक पर रेलवे ने करोड़ों रुपये खर्च किया था.बर्टन लेक का पानी हो रहा है दूषित
बर्टन लेक रेलवे का जलसंचय स्थल है. यहां के संचित जल को कॉलोनी में आपूर्ति की जाती है. चक्रधरपुर में मनोरंजन स्थल की कमी को देखते हुए बर्टन लेक को नौकाविहार के लिए व्यवस्थित किया था. नौकाविहार नहीं होने से बर्टन लेक के पानी में पौधे उग आये हैं. इससे लेक का पानी दूषित हो रहा है. वहीं देखरेख के अभाव में लेक के पाथ वे, चेयर व बगीचों में झाड़ियों पट गयी हैं.
दिसंबर में हुआ था बर्टन लेक का टेंडर
दिसंबर में बर्टन लेक का टेंडर हुआ था. दो माह के बाद ही बर्टन लेक को रेलवे ने बंद कर दिया. इसके बाद से यह बर्टन लेक बंद पड़ा है. इस दौरान रेलवे ने बर्टन लेक की दूसरी ओर बर्टन लेक का दायरा बढ़ाने व जल स्तर बढ़ाने के लिए काम कराया था, पर बारिश से यह काम भी प्रभावित होता रहा. यह काम भी अब बंद हो गया है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

