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मसूड़ों की बीमारी से बढ़ जाता है ‘ब्रेस्ट कैंसर’ होने का खतरा: रिसर्च

सामान्यता मसूड़ों की बीमारी होने पर महिलाएं इसे गंभीर रूप से नहीं लेती. लेकिन इस लेख को पढ़ने के बाद महिलाएं मसूड़ों से जुड़ी बिमारियों को सीरियस जरुर लेंगी. जानिये क्यों… हालिया हुए शोध के अनुसार, क्रोनिक डिजीज से ग्रस्त महिलाओं की तुलना में ऐसी महिलाएं जो मेनोपौज़ के बाद मसूड़ों की बीमारी से ग्रस्त […]

सामान्यता मसूड़ों की बीमारी होने पर महिलाएं इसे गंभीर रूप से नहीं लेती. लेकिन इस लेख को पढ़ने के बाद महिलाएं मसूड़ों से जुड़ी बिमारियों को सीरियस जरुर लेंगी. जानिये क्यों…

हालिया हुए शोध के अनुसार, क्रोनिक डिजीज से ग्रस्त महिलाओं की तुलना में ऐसी महिलाएं जो मेनोपौज़ के बाद मसूड़ों की बीमारी से ग्रस्त है उन्हें ब्रेस्ट कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है.

न्यूयॉर्क, बफैलो स्थित यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर फ्रायडैहेम के अनुसार, ब्रेस्ट कैंसर और मसूड़ों की बीमारी के बीच, उस बैक्टीरिया का लिंक है जो मसूड़ों के द्वारा ब्रेस्ट तक पहुँच कर ब्रेस्ट टिश्यू को नुकसान पहुंचाता है. जिसके कारण ब्रेस्ट कैंसर की संभावनाएं बढ़ जाती हैं.

पिछले शोधों द्वारा ये ज्ञात है कि मसूड़ों की बीमारियों का ओरल, ग्रसनी, सिर और गर्दन, अग्नाशय, और फेफड़ों के कैंसर होने के बीच संबंध होता है. इसलिए इस शोध द्वारा ब्रेस्ट कैंसर होने में मसूड़ों की बिमारियों से क्या संबंध है इसका पता लगाया गया है.

इस शोध के अंतर्गत परिक्षण के लिए 73,737 मेनोपौज़ महिलाओं को लिया. जिन्हें पहले से ब्रेस्ट कैंसर नहीं था. इनमें से 26.1 महिलाओं को मसूड़ों की बिमारियों से ग्रस्त पाया गया. 6.7 सालों के फॉलो-अप के बाद इन महिलाओं में से 2,124 महिलाओं को ब्रेस्ट कैंसर से ग्रस्त पाया गया.

इस परिक्षण के बाद यह बात साफ़ हो गई कि जिन महिलाओं को मसूड़ों की बीमारियाँ होती हैं उनमें 14% से अधिक ब्रेस्ट कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है.

यह खोज कैंसर एपिडेमियोलॉजी, बायोमार्केर्स एंड प्रिवेंशन जर्नल में प्रकाशित हुई है.

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