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स्लिम होने के लिए इस्तेमाल करें ‘फिश ऑइल’ : रिसर्च

बढ़ती उम्र में वजन कम करना बहुत मुश्किल हो जाता है. ऐसे में घंटों जिम में लगाना धीरे-धीरे उबा देता है. 35 के पार होने पर बढ़ते हुए वजन को कम करना खासा तकलीफ़देह हो जाता है लेकिन हालिया हुए एक शोध में इस तकलीफ को कम किया है ‘फिश ऑइल यानी मछली के तेल’ […]

बढ़ती उम्र में वजन कम करना बहुत मुश्किल हो जाता है. ऐसे में घंटों जिम में लगाना धीरे-धीरे उबा देता है. 35 के पार होने पर बढ़ते हुए वजन को कम करना खासा तकलीफ़देह हो जाता है लेकिन हालिया हुए एक शोध में इस तकलीफ को कम किया है ‘फिश ऑइल यानी मछली के तेल’ ने. आइए आपको बताते हैं….

एक नए अध्ययन के अनुसार, फिश ऑइल का इस्तेमाल करने से शरीर में बनने वाले ट्रांस्फोर्मिंग फैट सेल्स परिवर्तित हो कर फैट बर्निंग सेल्स बन जाते हैं जिससे वजन आसानी से कम किया जा सकता है.

क्योटो यूनिवर्सिटी, जापान के शोधकर्ताओं के अनुसार, फिश ऑइल पाचन क्रिया को बढ़ाता है और मेटाबोलिज्म को बढ़ा कर शरीर से एक्स्ट्रा फैट घटाने में मदद करता है.

फैट टिश्यू दो तरह के होतें हैं. एक वह जो शरीर में जमा नही होते उन्हें ‘वाइट सेल्स’ कहा जाता है. इनका काम एनर्जी बनाये रखना होता है. जबकि दूसरे ‘ब्राउन सेल्स’ मेटाबोलिस फैट को मेनटेन करते हैं.

विशेषज्ञों के अनुसार, ब्राउन सेल्स बचपन में यानी बच्चों में अधिक पाए जाते हैं जो उम्र बढ़ने पर घटने जाते हैं जिसके कारण मोटापा भी बढ़ता जाता है.

इसके अलावा हालिया शोध द्वारा ‘बेज’ नामक सेल्स की खोज की गई जो चूहे और मनुष्य में पाए जाते हैं. यह ब्राउन सेल्स की तरह काम करता है.

परीक्षण में शोधकर्ताओं ने चूहों पर फिश ऑइल का प्रयोग कर देखा. इसके लिए चूहों को फिश ऑइल के साथ भोजन दिया गया. जिसके बाद चूहों का वजन 5-10% तक कम पाया गया उनके मुकाबले जिन्हें बिना फिश ऑइल के भोजन दिया गया था.

फिश ऑइल ब्राउन सेल्स और बेज सेल्स को बढ़ा कर शरीर के मेटाबोलिज्म को बैलेंस रखते हैं जिससे शरीर का अतिरिक्त वजन कम होता जाता है.

यह शोध साइंटिफिक रेपोट्स जर्नल में प्रकाशित हुई है.

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