सिंघाड़े का आटा पौष्टिकता से भरपूर होता है. यह ऊर्जा का अच्छा स्रोत है. सिंघाड़े के आटे का सेवन थाइरॉयड और घेंघा रोगियों के लिए बेहद फायदेमंद है. सिंघाड़े में मौजूद निमैनिक और लॉरिक जैसे एसिडिक तत्व बालों को नुकसान पहुंचने से बचाते हैं.
बनाने की विधि
एक बड़े कटोरे या गहरी थाली में सिंघाड़े का आटा, राजगीरा का आटा, सेंधा नमक, काली मिर्च पाउडर, अजवायन, इलायची पाउडर, तीन चम्मच घी और नारियल पाउडर को एक साथ मिला लें. बादाम और पिस्ता को घी में तल कर ठंडा करें और फिर दरदरा पीस कर मिश्रण में मिला दें. अब गुनगुने पानी की सहायता से इस मिश्रण का सख्त आटा गूंथ लें. इस गूंथे हुए मिश्रण से छोटी-छोटी लोइयां बना लें. हथेलियों में थोड़ा घी चुपड़े. बनायी गयी सभी लोइंयों को एक-एक कर हथेली पर रख कर दबाएं और चिपटा कर दें. बीच में अंगूठे की सहायता से उन्हें हल्का दबाएं और चाकू या कांटे की मदद से थोड़ा-थोड़ा गोद दें. अब कड़ाही में घी डाल कर गर्म करें और इन मठरियों को मध्यम आंच पर हल्का सुनहरा रंग होने तक तल लें. एक प्लेट के पर टिश्यू पेपर बिछा कर तली हुई मठरियों को निकालें. जब उनका अतिरिक्त तेल सोख जाये, तो उन्हें चाय के साथ खाएं.
सामग्री
सिंघाड़े का आटा 100 ग्राम
राजगीरा (रामदाना) का आटा 50 ग्राम
घी 100 ग्राम
कागजी बादाम 5 नग
पिस्ता 5 नग
काली मिर्च पाउडर 1/2 टी-स्पून
नारियल पाउडर 1 टेबल स्पून
अजवायन 1 टी-स्पून
छोटी इलायची पाउडर 1 टी-स्पून
सेंधा नमकस्वादानुसार.