लंदन : अनुसंधानकर्ताओं का कहना है कि जिन लोगों में घातक कोरोना वायरस से संक्रमित होने के लक्षण दिखाई नहीं देते, वे भी इससे पीड़ित हो सकते हैं और इसे अन्य लोगों तक फैला सकते हैं.
अनुसंधानकर्ताओं ने यह बात ‘द न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन’ में प्रकाशित एक रिपोर्ट में यह कही है. यदि इस बात की पुष्टि हो जाती है तो चीन में फैले इस वायरस को काबू करना और भी मुश्किल हो जाएगा.
इस विषाणु के कारण अब तक 213 लोगों की मौत हो गई है और करीब 9,700 से अधिक लोग इससे संक्रमित हैं. पत्रिका में प्रकाशित एक मामले के अनुसार 33 वर्षीय जर्मन कारोबारी को 24 जनवरी को गले में खराश, ठंड लगने और मांसपेशियों में दर्द होने की शिकायत हुई.
जर्मनी में ‘यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल एलएमयू म्युनिख’ के विशेषज्ञों समेत अनुसंधानकर्ताओं ने बताया कि अगले दिन जर्मनी के कारोबारी को 39 डिग्री सेल्सियस बुखार और खांसी की दिक्कत हुई.
रिपोर्ट में बताया गया है कि अगले दिन शाम में उसे बेहतर महसूस हुआ और वह 27 जनवरी को काम पर चला गया. उसने 20 और 21 जनवरी को म्युनिख में एक चीनी कारोबारी के साथ बैठक की थी.
चीनी कारोबारी 19 और 22 के बीच जर्मनी आयी थी. रिपोर्ट के अनुसार, चीनी कारोबारी जब तक जर्मनी में रही, उसमें संक्रमण का कोई लक्षण नहीं दिख रहा था, लेकिन चीन लौटने के दौरान उसकी तबीयत खराब हो गई थी.
चीन में 26 जनवरी को जांच में वह कोरोना वायरस से पीड़ित पाई गई. रिपोर्ट में बताया गया कि महिला ने कंपनी को अपनी बीमारी के बारे में बताया और जर्मन कारोबारी को जांच के लिए म्युनिख में ‘डिविजन ऑफ इन्फेक्शियस डिजीजेस एंड ट्रॉपिकल मेडिसन’ भेजा गया.
जांच में वह कोरोना वायरस से संक्रमित पाया गया. अनुसंधानकर्ताओं ने बताया कि 28 जनवरी को कंपनी के तीन अन्य कर्मी भी कोरोना वायरस से संक्रमित पाये गये. अनुसंधानकर्ताओं ने लोगों को सचेत किया है कि जो लोग वायरस से पीड़ित नहीं दिखते, उनसे भी संक्रमण फैलने का खतरा है.