-पति-पत्नी के बीच छोटी-छोटी बातों को लेकर झगड़े जैसे मामले भी आ रहे हैं सामने
पटना : शादी महज एक शब्द नहीं बल्कि वह बंधन है जिसे दो लोग ताउम्र निभाने की कसम खाते हैं. पर शक,अहम, अविश्वास और धैर्य की कमी के कारण रिश्तों की डोर कमजोर होती जा रही है. जो पति-पत्नी के बीच रिश्तों की मजबूत कड़ी के टूटने का खतरनाक संकेत है. पिछले कुछ सालों में कपल्स के बीच तलाक के मामले ज्यादा देखने को मिल रहे हैं. आलम यह है कि सिर्फ तीन-चार साल पुरानी शादियां ही नहीं बल्कि बारह-पंद्रह साल की शादियां भी टूटने के कगार पर आ गयी हैं. महिला हेल्पलाइन में ऐसे मामले देखने को मिल रहे हैं. कुछ मामलों में कपल्स काउंसेलिंग के बाद अपनी शादी को एक मौका जरूर देते हैं लेकिन कुछ अलग भी हो जाते हैं.
केस 1 : खगौल की रहने वाली मीना (काल्पनिक नाम) की शादी 2005 में हुई थी. शादी के तेरह वर्ष के बाद उसने महिला हेल्पलाइन में शिकायत दर्ज करायी है कि पति उसके बच्चों के सामने मारपीट करता है. काउंसेलिंग में पति ने बताया कि हमारे बीच सब ठीक था, लेकिन मीना मायके जाकर नर्सिंग होम में काम करने लगी और घर आने से मना कर दिया.
केस 2 : रानी (काल्पनिक नाम) का पति फौज में हैं. शिकायत दर्ज करते हुए उसके पति ने बताया कि जब भी मैं छुट्टी के समय घर आता हूं, पत्नी हर बात पर लड़ाई करती है. वहीं पत्नी का कहना है कि पति हर वक्त मायके जाने को कहता है और हमें छोड़ देने की धमकी देता है. घर का माहौल इतना खराब हो गया है कि इसका असर बच्चों पर पड़ रहा है. लगातार काउंसेलिंग के बाद फिलहाल दोनों साथ में हैं.
केस 3: पटना की रहने वाली भाग्या (काल्पनिक नाम) ने वैशाली के रहने वाले अभिषेक (काल्पनिक नाम)से शादी की. दोनों की शादी के अभी पंद्रह साल हो चुके हैं. इनके दो बेटे भी हैं. अभिषेक को नशा करने का शौक है. वह नशा कर के घर आता और हर दिन मारपीट करता. भाग्या के लाख समझाने के बाद भी वह उस लत से निकल नहीं पाया. एक दिन नाराज होकर भाग्या अपने मायके आ गयी.
नोक-झोंक से प्यार नहीं बढ़ रहा इगो क्लैश
आज के कपल्स में धैर्य की कमी है. कहा जाता था कि नोक-झोंक से प्यार बढ़ता है. पर अब तो हर छोटी-छोटी बातों पर कपल्स लड़ बैठते हैं. जिसमें रिश्ते बचाने की जगह कपल्स तोड़ना ज्यादा आसान समझते हैं. आज बड़ों का हस्तक्षेप भी कम हो गया है. पहले के समय में अगर कपल्स के बीच मन-मुटाव होता था तो वे उन्हें समझते थे. आज कपल्स ज्वाइंट फैमिली की जगह न्यूक्लियर फैमिली में रहना ज्यादा पसंद करते हैं. ये कुछ मामले हैं पति-पत्नी के बात बेबात पर बिगड़ने वाले आपसी रिश्तों के. अहम के टकराव और एक दूसरे को सम्मान न देने के चलते आये दिन नव विवाहितों का दाम्पत्य जीवन दरक रहा है. महिला हेल्पलाइन में ऐसी कई शिकायतें रोजाना आती हैं.
हमारे पास जब इस तरह के मामले आते हैं तो हमारा सबसे पहला काम होता है उनकी काउंसेलिंग करना. अगर समस्या है तो दिक्कत होगी, लेकिन इसका समाधान भी होगा. कपल्स में धैर्य की कमी होती है. कई बार होने के पीछे का कारण एक्सट्रा मेरिटल अफेयर भी होता है.
– प्रमीला कुमारी, प्रोजेक्ट मैनेजर, महिला हेल्पलाइन
जब तक पति-पत्नी एक दूसरे को नहीं समझेंगे, एक दूसरे को प्यार व सम्मान नहीं देंगे तब तक ये वैवाहिक रिश्ते ऐसे ही दरकते रहेंगे. कई बार झगड़े की वजह घरेलू हिंसा और अवैध संबंध होता है. ज्यादातर मामलों में काउंसेलिंग के कुछ सेशन के बाद कपल्स साथ रहने को तैयार हो जाते हैं.
– साधना सिंह, काउंसेलर, महिला हेल्पलाइन
नोक-झोंक से संबंध कभी खराब नहीं होते बल्कि मजबूत होते हैं. लोगों में अपेक्षाएं बढ़ी हैं और जब यही अपेक्षाएं पूरी नहीं होती हैं तब ये लड़ाई का रूप ले लेती हैं. एक ओर महिलाओं की जॉब को लेकर भागीदारी बढ़ी है साथ ही आर्थिक आजादी भी आयी है. वहीं पुरुषों में आज भी पितृ सत्तात्मक सोच बरकरार है. जो अलगाववाद के कारक हैं.
– डीएम दिवाकर, समाजशास्त्री