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‘ब्रेन जैपिंग’ से ऐसे बढ़ेगी बुजुर्गों की याददाश्त
दिमाग पर छोटे से प्रहार (ब्रेन जैपिंग) से बुजुर्गों की याददाश्त बढ़ सकती है. इस थेरेपी में हल्के से इलेक्ट्रिक करेंट को उनके मस्तिष्क में प्रवाहित करना पड़ता है. इसके बाद एक 60 साल के बुजुर्ग का दिमाग 20 साल के युवा जैसा काम कर सकता है. अमेरिकी वैज्ञानिकों ने दावा किया है. गौरतलब है […]
दिमाग पर छोटे से प्रहार (ब्रेन जैपिंग) से बुजुर्गों की याददाश्त बढ़ सकती है. इस थेरेपी में हल्के से इलेक्ट्रिक करेंट को उनके मस्तिष्क में प्रवाहित करना पड़ता है. इसके बाद एक 60 साल के बुजुर्ग का दिमाग 20 साल के युवा जैसा काम कर सकता है. अमेरिकी वैज्ञानिकों ने दावा किया है. गौरतलब है कि बुजुर्गों में उम्र बढ़ने से वह अल्जाइमर्स, मनोदंश आदि की समस्या हो जाती है. ऐसे में उनके लिए सामान्य कार्यों जैसे दवा खाना, बिल का भुगतान करना, सामान खरीदना जैसे काम मुश्किल हो जाते हैं. वे चीजें बार-बार भूलने लगते हैं.
अमेरिका में बोस्टन विश्वविद्यालय के शोधकर्ता रॉबर्ट रेनहार्ट ने कहा, इस थेरेपी का उद्देश्य मस्तिष्क की कार्यक्षमता को बढ़ाना है, ताकि किसी कार्य संबंधी सूचना को दिमाग में संग्रहित कर सकें और योजनाबद्ध तरीके से कार्यों को निबटा सकें. हालांकि, पहले के अध्ययनों में भी कहा जा चुका है कि मस्तिष्क को उत्तेजित करने से याददाश्त बढ़ सकती है. नेचर न्यूरोसाइंस जर्नल में प्रकाशित शोध के मुताबिक इस उपचार ने वृद्ध लोगों पर सफलतापूर्वक कार्य किया.
प्रतिभागियों में ब्रेन जैपिंग की तकनीक का इस्तेमाल करने के लिए एक कसी हुई टोपी नुमा उपकरण का प्रयोग किया. सबसे पहले उनकी काम करने की स्मृति का परीक्षण किया गया. उपकरण से विद्युत प्रवाह को मस्तिष्क में प्रेषित किया गया व मस्तिष्क की गतिविधियों की निगरानी की गयी.
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