नयी दिल्ली : भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान हैदराबाद के शोधकर्ताओं ने बच्चों में होने वाले कैंसर एक्यूट लिम्फोब्लास्टिक ल्यूकेमिया के इलाज में कारगर दवा को हासिल करने का दावा किया है.
यह दवा अंटार्कटिक कवक (फंगी) से हासिल की गयी है, जिसमें एंजाइम आधारित कीमोथेरेप्यूटिक एजेंट एल-एस्पराजिनेज पाया जाता है. यह एंजाइम दवा बनाने के काम में आता है.
इस शोध से नये कीमोथेरेप्यूटिक इलाज के तरीकों के विकास में मदद मिलेगी और मौजूदा तरीकों की तुलना में इसके दुष्प्रभाव बहुत कम हैं. संस्थान के एसोसिएट प्रोफेसर देवाराई संतोष कुमार ने बताया कि एक्यूट लिम्फोब्लास्टिक ल्यूकेमिया (एएलएल) बच्चों में सर्वाधिक सामान्य प्रकार का होने वाला कैंसर है.
इसमें श्वेत रक्त कणिकाओं के एक प्रकार अपरिपक्व लिम्फोसाइटस का अधिक स्त्रावण होता है. एएलएल के इलाज के लिए एंजाइम एल एस्पराजिनेज का प्रयोग किया जाता है. कुमार ने बताया कि यह एंजाइम कैंसर कोशिकाओं की वृद्धि में रोकथाम करता है.