न्यूयाॅर्क : एक नये अध्ययन में पाया गया है कि हर हफ्ते कम से कम एक बार मछली खाने से बच्चों में बेहतर नींद आने और आईक्यू यानी बुद्धिमता का स्तर बढ़ने होने की संभावना बढ़ जाती है.
अध्ययन में नौ से 11 साल के 541 बच्चों को शामिल किया गया. इनमें 54 प्रतिशत लड़के और 46 प्रतिशत लड़कियां थीं. उनसे कई सवाल किये गये, जिनमें पिछले महीने उन्होंने कितनी बार मछली खायी, जैसा सवाल शामिल था.
इस सवाल के जवाब में कभी नहीं से लेकर हफ्ते में कम से कम एक बार जैसे विकल्प शामिल थे. प्रतिभागियों का आईक्यू (इंटेलीजेंस कोशेंट) टेस्ट भी लिया गया, जिसमें उनकी शब्दावली एवं कोडिंग जैसे मौखिक एवं गैर मौखिक कौशल की जांच की गयी.
इसके बाद उनके अभिभावकों ने बच्चों की सोने की अवधि और रात में जगने या दिन में सोने की आवृत्ति जैसे विषयों से संबंधित सवालों के जवाब दिये.
अमेरिका के यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया के शोधकर्ताओं ने अभिभावकों की शिक्षा, पेशा या वैवाहिक स्थिति और घर में बच्चों की संख्या जैसी जनसांख्यिकी जानकारियां भी जुटायीं.
तमाम आंकड़ों का विश्लेषण करने के बाद उन्होंने पाया कि जिन बच्चों ने हर हफ्ते मछली खाने की बात कही थी, उन्हें उन बच्चों की तुलना में आईक्यू जांच में 4.8 अंक ज्यादा मिले, जिन्होंने कहा कि वे मछली शायद ही कभी या कभी नहीं खाते.
साइंटिफिक रिपोर्ट्स पत्रिका में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार जिन बच्चों के खाने में कभी-कभार मछली शामिल थी, उन्हें आईक्यू टेस्ट में 3.3 अंक ज्यादा मिले.
इसके अलावा ज्यादा मछली खाने से नींद में कम व्यवधान आने का भी पता चला. शोधकर्ताओं का कहना है कि इससे कुल मिलाकर अच्छी नींद आने का संकेत मिलता है.
विश्वविद्यालय की एसोसिएट प्रोफेसर जियांगहोंग लियू ने कहा, इससे इस बात के सबूत मिलते हैं कि मछली खाने से स्वास्थ्य पर सकारात्मक असर पड़ता है और इसे और ज्यादा बढ़वा देने की जरूरत है. हमें बच्चों को कम उम्र से ही मछली खिलानी चाहिए.