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स्टैटिंस कम करता है स्तन कैंसर का खतरा
दो लाख महिलाएं हुईं अध्ययन में शामिल ब्रिटेन के वैज्ञानिकों ने जारी की नयी अनुसंधान रिपोर्ट पिछले साल इंस्टीच्युट ऑफ कैंसर रिसर्च के एक शोध में यह बात सामने आयी कि स्टैटिंस के इस्तेमाल से स्तन कैंसर से होने वाली मृत्यु के जोखिम को काफी हद तक कम किया जा सकता है़ इस अध्ययन में […]
दो लाख महिलाएं हुईं अध्ययन में शामिल
ब्रिटेन के वैज्ञानिकों ने जारी की नयी अनुसंधान रिपोर्ट
पिछले साल इंस्टीच्युट ऑफ कैंसर रिसर्च के एक शोध में यह बात सामने आयी कि स्टैटिंस के इस्तेमाल से स्तन कैंसर से होने वाली मृत्यु के जोखिम को काफी हद तक कम किया जा सकता है़
इस अध्ययन में स्तन कैंसर से पीड़ित दो लाख महिलाएं शामिल हुईं. अध्ययन में पाया गया कि वैसी महिलाएं, जो किसी भी तरह के स्टैटिंस का प्रयोग कर रही हैं, उनमें स्तन कैंसर से मृत्यु का खतरा 27 प्रतिशत तक कम हो गया.
अध्ययन में यह भी पाया गया कि अगर महिलाएं लिपोफॉलिक स्टैटिंस का इस्तेमाल कर रही हैं, तो वह ज्यादा प्रभावी हो सकता है. ऐसे मरीजों में स्तन कैंसर से होने वाली मृत्यु की आशंका 43 प्रतिशत तक कम हो जाती है. इस अध्ययन को विश्व के जाने-माने कैंसर विशेषज्ञों के सामने शिकागो में हुए अमेरिकन सोसाइटी ऑफ क्लिनिकल ओंकोलॉजी सम्मेलन में रखा गया.
वहीं, 2015 में यूएस के येल यूनिवर्सिटी ने भी अपने शोध में यह बताया था कि स्टैटिंस किसी भी तरह के कैंसर से होने वाली मृत्यु के जोखिम को 22 प्रतिशत तक कम करता है. चीन के वैज्ञानिकों ने भी इस शोध को संकलित कर प्रकाशित किया है.
लिपोफिलिक स्टैटिंस ज्यादा कारगर
शोधकर्ताओं ने मरीजों द्वारा प्रयोग किये जाने वाले दो प्रमुख स्टैटिंस पर भी शोध किया. इस शोध में पाया गया कि लिपोफिलिक स्टैटिंस स्तन कैंसर के मामले में ज्यादा कारगर है. लिपोफिलिक और हाइड्रोफिलिक मुख्य रूप से दो प्रकार के स्टैटिंस हैं. वैसी महिलाएं, जो हाइड्रोफिलिक स्टैटिंस लेती हैं, उनमें स्तन कैंसर से होनी वाली मृत्यु का जोखिम सिर्फ छह प्रतिशत तक कम होता है. वहीं, लिपोफिलिक लेने वाली महिलाओं में स्तन कैंसर से होने वाली मृत्यु का जोखिम 40 प्रतिशत तक कम हो जाता है़ वैज्ञानिकों के अनुसार लिपोफिलिक कैंसर कोशिकाओं के विकास को रोकता है.
कोलेस्ट्रॉल घटाने में स्टैटिंस का इस्तेमाल
ब्रिटेन में करीब छह मिलियन लोग स्टैटिंस का प्रयोग हृदयाघात और कोलेस्ट्रॉल कम करने के लिए करते हैं. वहीं, करीब 63 मिलियन लोगों को यह दवा पिछले एक साल में चिकित्सकों द्वारा लिखी जा चुकी है. इस दवा के प्रयोग से होने वाले साइड इफेक्ट को लेकर चिकित्सक असमंजस में है, क्योंकि इससे मांसपेशीय दर्द, डाइबिटिज व अन्य बीमारियों के होने का खतरा बढ़ जाता है. बावजूद इसके अगर कोई महिला किसी भी कारण से स्टैटिंस का इस्तेमाल कर रही हैं तो उनमें स्तन कैंसर होने का खतरा या इससे होने वाली मृत्यु का जोखिम काफी हद तक कम हो जा रहा है. आज पूरी दुनिया में दस में से आठ महिलाओं को स्तन कैंसर होने की आशंका बनी रहती है.
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