World Wildlife Day 2025 : विश्व वन्यजीव दिवस 3 मार्च को मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य वन्यजीवों और उनके प्राकृतिक आवासों के संरक्षण के महत्व को बढ़ावा देना है. यह दिन हमें वन्यजीवों के अस्तित्व को बचाने और उनके संरक्षण के लिए वैश्विक जागरूकता फैलाने का अवसर प्रदान करता है. संयुक्त राष्ट्र द्वारा 2013 में इसकी शुरुआत की गई थी, और तब से यह हर साल मनाया जा रहा है. इस दिन को मनाने का मुख्य उद्देश्य वन्यजीवों की रक्षा करना और प्राकृतिक संतुलन बनाए रखना है, यहां है इस दिन से जुड़ी कुछ खास बातें :-
1. विश्व वन्यजीव दिवस क्यों मनाया जाता है?
विश्व वन्यजीव दिवस वन्यजीवों और उनके नेचुरल आवासों के संरक्षण के महत्व को बढ़ावा देने के लिए मनाया जाता है. यह दिन हमें वन्यजीवों के लिए सुरक्षित वातावरण बनाने और उनके अस्तित्व को बचाने की आवश्यकता की याद दिलाता है. यह जागरूकता फैलाने और संरक्षण प्रयासों को बढ़ावा देने में मदद करता है.
2. विश्व वन्यजीव दिवस की थीम 2025 में क्या होगी?
2025 की थीम के बारे में अभी आधिकारिक रूप से घोषणा नहीं की गई है, लेकिन आमतौर पर यह वन्यजीवों के संरक्षण, उनके प्राकृतिक आवासों के रक्षा, और उनके अस्तित्व को बचाने से संबंधित होती है. पिछले वर्षों में थीम जैसे “वन्यजीवों का संरक्षण” और “वन्यजीवों के लिए सहयोग” रही हैं.
3. विश्व वन्यजीव दिवस की शुरुआत कब और कहां हुई थी?
विश्व वन्यजीव दिवस की शुरुआत 2013 में संयुक्त राष्ट्र द्वारा की गई थी. यह दिन 3 मार्च को मनाया जाता है, क्योंकि इसी दिन 1973 में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार पर समझौता जो लुप्तप्राय वन्यजीवों और पौधों की प्रजातियों के संरक्षण से संबंधित है, जो वन्यजीवों और पौधों के संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण था.
4. वन्यजीवों के संरक्षण के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं?
वन्यजीवों के संरक्षण के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं, जैसे वन्यजीव संरक्षण कानूनों को सख्त बनाना, राष्ट्रीय पार्क और अभयारण्यों की स्थापना, और अवैध शिकार को रोकने के लिए निगरानी बढ़ाना. इसके अलावा, जागरूकता कार्यक्रमों और शिक्षा अभियानों के माध्यम से भी वन्यजीवों के संरक्षण के प्रति समाज को जागरूक किया जा रहा है.
5. वन्यजीवों के संरक्षण में भारत का योगदान क्या है?
भारत ने वन्यजीवों के संरक्षण के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं, जैसे ‘Project Tiger’ और ‘प्रोजेक्ट एलिफेंट’ जैसे राष्ट्रीय प्रोजेक्ट्स की शुरुआत. भारत में राष्ट्रीय पार्क, वन्यजीव अभयारण्य और बायोस्फीयर रिजर्व्स की बड़ी संख्या है. इसके अलावा, भारत CITES और अन्य अंतरराष्ट्रीय संरक्षण समझौतों का पालन करता है.
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