37.8 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Trending Tags:

मोटापे की गिरफ्त में दुनिया, भारतीय बच्चे तेजी से हो रहे इसके शिकार

यदि हमने अपनी जीवनशैली, खानपान की आदतों में बदलाव नहीं किया, प्रदूषण व जलवायु परिवर्तन को रोकने के लिए हम गंभीर नहीं हुए, तो विश्व की आधी से अधिक जनसंख्या 2035 तक मोटापे से ग्रसित होगी. इस समस्या के कारण अर्थव्यवस्था को भी भारी नुकसान होगा.

आरती श्रीवास्तव

सामान्य से अधिक शारीरिक भार या मोटापा एक गंभीर समस्या है. यह अनगिनत बीमारियों को जन्म देता है. वर्ल्ड ओबेसिटी फेडरेशन की ताजा रिपोर्ट एक चेतावनी है कि यदि हमने अपनी जीवनशैली, खानपान की आदतों में बदलाव नहीं किया, प्रदूषण व जलवायु परिवर्तन को रोकने के लिए हम गंभीर नहीं हुए, तो विश्व की आधी से अधिक जनसंख्या 2035 तक मोटापे से ग्रसित होगी. इस समस्या के कारण अर्थव्यवस्था को भी भारी नुकसान होगा. देश-दुनिया में मोटापे की बढ़ती समस्या की पड़ताल के साथ प्रस्तुत है इन दिनों पेज…

वर्ल्ड ओबेसिटी एलटस 2023 की हालिया आयी रिपोर्ट बताती है कि यदि मौजूदा स्थिति ऐसी ही बनी रही तो 2035 तक दुनिया की आधी से अधिक आबादी (51 प्रतिशत) अधिक वजन और मोटापे की गिरफ्त में होगी. इस रिपोर्ट को वर्ल्ड ओबेसिटी फेडरेशन द्वारा जारी किया गया है. रिपोर्ट तैयार करने के लिए बॉडी मास इंडेक्स यानी बीएमआई को आधार बनाया गया है. रिपोर्ट के अनुसार, यदि मोटापे से बचाव और उपचार के उपायों में सुधार नहीं हुआ, तो अगले 12 वर्षों में दुनिया के लगभग दो अरब लोग यानी चार में से एक व्यक्ति मोटापे से जूझ रहा होगा. यह एक विकट समस्या है. मोटापा अपने आप में एक बीमारी तो है ही, मोटे व्यक्ति को इस कारण कैंसर, डायबिटीज, हार्मोन असंतुलन, हृदय रोग समेत अनेक बीमारियों के होने की संभावना भी बनी रहती है. इतना ही नहीं, इस बीमारी का देशों की अर्थव्यवस्था पर भी प्रभाव पड़ना तय है. सो, इससे निपटने के लिए दुनिया के हर एक देश को आगे आना होगा.

भारत की स्थिति की पड़ताल

वर्ल्ड ओबेसिटी रिपोर्ट के मुताबिक, देश में 2035 तक वयस्कों में मोटापे के मामले में औसतन वार्षिक वृद्धि 5.2 प्रतिशत होने की उम्मीद है. जबकि इस अवधि के दौरान बच्चों में मोटापे के मामले में वार्षिक वृद्धि नौ प्रतिशत से भी अधिक होने की उम्मीद जतायी गयी है. यह स्थिति बता रही है कि देश में अधिक वजन और मोटापे की समस्या गंभीर रुख अख्तियार करती जा रही है. वहीं नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे (एनएफएचएस) के 2019 से 2021 की अवधि के आंकड़े बताते हैं कि पुरुषों के अधिक वजनी होने या मोटे होने का अनुपात 2006 के 9.3 प्रतिशत से बढ़कर 2021 में 22.9 पर पहुंच गया. जबकि महिलाओं का प्रतिशत 12.6 से बढ़कर 24 प्रतिशत पर पहुंच गया.

भारतीय बच्चे तेजी से हो रहे इसके शिकार

  • 9.1 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि देखने को मिल सकती है बच्चों के बीच (लड़के और लड़की दोनों में) मोटापे के मामले में, भारत में 2035 तक.

  • 3 प्रतिशत जोखिम था देश में लड़कों के मोटे होने का 2020 में, उसके 2035 तक बढ़कर 12 प्रतिशत हो जाने की संभावना जतायी गयी है.

  • 2 प्रतिशत जोखिम था लड़कियों के मोटे होने का 2020 में, उसके 2035 तक बढ़कर सात प्रतिशत पर पहुंच जाने की उम्मीद है.

क्या है बीएमआइ अनुपात

किसी भी व्यक्ति की किलोग्राम में लंबाई और स्क्वायर मीटर में उसके वजन के अनुपात को बॉडी मास इंडेक्स कहा जाता है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के दिशा निर्देशों के अनुसार, बीएमआई स्कोर के 25 से ज्यादा होने को ओवरवेट और 30 से ज्यादा स्कोर को मोटापे की श्रेणी में रखा गया है.

भारतीय अर्थव्यवस्था पर प्रभाव

  • वर्ल्ड ओबेसिटी एटलस की रिपोर्ट के अनुसार, देश में अधिक वजन और मोटापे के कारण 2035 तक भारतीय अर्थव्यवस्था के 129.33 बिलियन डॉलर के प्रभावित होने की संभावना हैे.

  • अधिक वजन के कारण 2035 तक देश की 1.8 प्रतिशत जीडीपी के प्रभावित होने की आशंका है.

  • मोटापे के कारण 2035 तक भारत की अनुमानित आर्थिक लागत में स्वास्थ्य देखभाल के मद में प्रत्यक्ष रूप से 8.43 बिलियन डॉलर खर्च होने की उम्मीद जतायी गयी है. जबकि समयपूर्व मृत्यु दर के कारण देश को 109.38 बिलियन डॉलर के नुकसान का अनुमान है.

  • वहीं प्रत्यक्ष गैर-चिकित्सा के मद में खर्च के 176.32 मिलियन डॉलर तक पहुंचने की संभावना है, तो काम पर नहीं जाने के कारण 2.23 बिलियन डॉलर और उत्पादकता में कमी आने के कारण 9.10 बिलियन डॉलर के नुकसान की आशंका है.

वैश्विक अर्थव्यवस्था पर प्रभाव

आकलन के अनुसार, बढ़ता वजन और मोटापा कई सारी स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों को बढ़ायेगा, इससे वैश्विक अर्थव्यवस्था को 2035 तक 4.32 ट्रिलियन डॉलर अधिक खर्च करना होगा. यह राशि 2020 के 1.96 ट्रिलियन डॉलर से दोगुने से भी अधिक होगी. यह विश्व जीडीपी की लगभग तीन प्रतिशत रकम है. इस रिपोर्ट के अनुसार, मोटापे की समस्या के कारण पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र, जिसमें ऑस्ट्रेलिया, जापान, चीन, सिंगापुर और न्यूजीलैंड आते हैं, उन्हें 2035 तक 1.56 ट्रिलियन डॉलर की भारी क्षति उठानी पड़ सकती है. यह रकम जीडीपी की 2.8 प्रतिशत होगी. वहीं दक्षिण-पूर्व एशियाई क्षेत्र, जिसमें भारत भी शामिल है, को इसी अवधि में 256 बिलियन डॉलर की क्षति होने का अनुमान है, जो जीडीपी का 2.2 प्रतिशत होगी.

पुरुषों की तुलना में महिलाएं ज्यादा मोटी

वर्ष 2019 से 2021 की अवधी के राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (एनएफएचएस) रिपोर्ट के अनुसार, बीते 15 वर्षों से भारतीय लोगों में मोटापा बढ़ता जा रहा है. एनएफएचएस के विश्लेषण में पाया गया कि देश के लगभग सभी राज्यों में महिलाओं और पुरुषों में अधिक वजन या मोटापे के मामले बढ़े हैं. रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि देश में पुरुषों की तुलना में महिलाओं के मोटापे से जूझने की संख्या अधिक हैं. क्षेत्रवार विश्लेषण में भी महिलाओं में मोटापे के मामले पुरुषों से अधिक हैं. महिलाओं के मोटापे के मामले में पंजाब पहले स्थान पर है. जबकि पूर्वोत्तर के केवल तीन राज्यों में महिलाओं की तुलना में पुरुष अधिक मोटे हैं. हालांकि यह अंतर मामूली है. विदित हो कि अधिक वजन या मोटापे को व्यक्ति के बीएमआई इंडेक्स के आधार पर मापा जाता है.

उम्र और मोटापे के बीच संबंध

मोटापा बढ़ाने में हमारी उम्र महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है. मोटापे में सबसे अधिक वृद्धि 40 से 49 आयु वर्ग में देखने को मिलती है. एनएफएचएस 2019-21 रिपोर्ट की मानें, तो 40 से 49 आयु वर्ग की 11 प्रतिशत महिलाएं मोटी थीं, जबकि इसी आयु वर्ग के 5.7 प्रतिशत पुरुष मोटापे से ग्रसित थे.

शहर-गांव में तुलना

एनएफएचएस के आंकड़ों पर यदि नजर डालें, तो पता चलता है कि देश के शहरी क्षेत्रों के लोग ग्रामीण क्षेत्र की तुलना में कहीं अधिक मोटे या अधिक वजन के हैं. इस सर्वे के दौरान यह भी बात सामने आयी है कि जहां शहरी क्षेत्र में पुरुषों की तुलना में महिलाएं ज्यादा वजनी या मोटी हैं, वहीं ग्रामीण क्षेत्र में महिला-पुरुष के बीच का यह अंतर बहुत मामूली है.

शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों के अधिक वजनी व मोटे लोगों की तुलना (प्रतिशत में)

महिला पुरुष

शहरी क्षेत्र 33.3 29.8

ग्रामीण क्षेत्र 19.7 19.3

स्रोत : नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे

धनिकों में अधिक मोटापा

सर्वे में यह भी कहा गया है कि जिनके पास जितना अधिक धन है, वे मोटापे के उतना ही अधिक शिकार हैं. देश के सर्वाधिक धनी समूहों या परिवारों से जुड़ी आठ में से एक महिला मोटी पायी गयी. जबकि निम्न आय वाले परिवारों के 15 से 49 आयु वर्ग की 100 में से 1.6 प्रतिशत महिलाएं ही मोटी पायी गयीं. पुरुषों की बात करें, तो सर्वाधिक धनी समूहों या परिवारों से ताल्लुक रखने वाले पुरुषों में मोटापे का प्रतिशत जहां आठ था, वहीं निम्न आय वर्ग में यह प्रतिशत 1.2 था. मध्यम आय वर्ग की प्रति 17 में से एक महिला मोटी थी, जबकि तीन प्रतिशत पुरुष मोटे थे.

समस्या के ये हैं कारण

हमारे शरीर का भार आवश्यकता से अधिक होने या भारी-भरकम होने के अनेक कारण हैं, जिनमें अत्यधिक प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों का अत्यधिक सेवन, शारीरिक गतिविधियों में कमी, लंबे समय तक एक ही स्थिति में बैठे रहने के साथ पर्यावरण का प्रदूषित होना भी शामिल है. फूड पैकेजिंग, कॉस्मेटिक्स, सड़कों की धूल व घरेलू सजावटी सामानों में मौजूद रासायनिक प्रदूषक हमारे भीतर हार्मोन असंतुलन पैदा कर देते हैं, नतीजा हमारा वजन बढ़ने लगता है. इन सबके अतिरिक्त, जलवायु परिवर्तन भी मोटापा बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है.

2035 तक दुनिया की आधी आबादी मोटापे की जद में होगी

वर्ल्ड ओबेसिटी एटलस 2023 ने 2020 से 2035 के बीच मोटापे में वृद्धि को लेकर हाल ही में एक रिपोर्ट जारी की है. इसमें अनुमान जताया है कि 2035 तक दुनिया की 51 प्रतिशत जनसंख्या सामान्य से अधिक वजन या मोटापे की समस्या से जूझ सकती है.

सबसे चिंता वाली बात यह है कि मोटापे का शिकार होने वालों में बच्चों की संख्या सबसे अधिक होगी. इससे न केवल स्वास्थ्य प्रभावित होगा, बल्कि दुनिया की उत्पादकता और अर्थव्यवस्था भी प्रभावित होगी.

4 बिलियन से अधिक लोग दुनियाभर में अधिक वजन और मोटापे से जूझने को मजबूर होंगे 2035 तक. जबकि 2020 में यह संख्या 2.6 बिलियन थी. इस प्रकार 2020 में जहां 38 प्रतिशत वैश्विक आबादी इस समस्या से जूझ रही थी उसके 2035 तक 50 प्रतिशत से अधिक होने की आशंका है.

14 से बढ़ कर 24 प्रतिशत हो जायेगी इसी अवधि में अकेले मोटापे से ग्रस्त आबादी की संख्या. इस प्रकार 2035 तक लगभग दो बिलियन वयस्क, किशोर और बच्चे मोटापे का शिकार हो जायेंगे.

स्रोत: वर्ल्ड ओबेसिटी एटलस 2023

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

अन्य खबरें