Sarso Ka Saag Recipe: सरसों का साग उत्तर भारत, खासकर पंजाब की परंपरा और स्वाद का प्रतीक माना जाता है. सर्दियों के मौसम में बनने वाला यह व्यंजन अपने देसी स्वाद, पौष्टिकता और सुगंध के कारण हर घर की पसंद बन जाता है. ताज़ी सरसों, पालक और बथुए के पत्तों का मेल, देसी घी का तड़का और साथ में मक्के की रोटी ये सब मिलकर एक ऐसा स्वाद पैदा करते हैं जिसे कोई भी भूल नहीं पाता. यह न सिर्फ स्वादिष्ट होता है, बल्कि शरीर को गर्म रखने, पाचन सुधारने और विटामिन-खनिज प्रदान करने में भी बेहद लाभकारी है. सर्दियों के दिनों में सरसों का साग बनाना एक परंपरा की तरह माना जाता है और इसे प्रेम, खुशबू और पंजाबियत के साथ परोसा जाता है.
सरसों का साग बनाने के लिए कौन-कौन सी चीजों की जरूरत पड़ती है?
सरसों का साग बनाने के लिए मुख्य सामग्री होती है:
- सरसों के पत्ते
- पालक
- बथुआ
- अदरक
- हरी मिर्च
- मक्के का आटा
- घी
- नमक
- लहसुन
सरसों का साग बनाने के लिए साग के पत्तों का क्या अनुपात होन चाहिए?
सबसे अच्छा अनुपात है:
- 2 भाग सरसों के पत्ते
- 1 भाग पालक
- 1 भाग बथुआ
इससे स्वाद और टेक्सचर दोनों बेहतरीन बनते हैं.
सरसों के साग को कितनी देर पकाना चाहिए?
साग को धीमी आंच पर 30–40 मिनट तक पकाया जाता है, ताकि पत्ते पूरी तरह गल जाएं और स्वाद खुलकर आए.
मक्के का आटा को साग में क्यों मिलाया जाता है?
मक्के का आटा साग को बांधता है और उसे गाढ़ा, मुलायम और रेस्टोरेंट जैसा टेक्सचर देता है.
साग को कैसे पीसा जाता है?
पकने के बाद इसे हल्का ठंडा करें. मिक्सर में दरदरा पीसें. ज़्यादा बारीक नहीं पीसें, नहीं तो साग का असली स्वाद कम हो जाता है.
सरसों के साग का असली तड़का क्या होता है?
घी गरम करें उसमें बारीक कटा लहसुन, लाल मिर्च और थोड़ा सा हींग डालें. इसे साग के ऊपर डालकर 5 मिनट और पकाएं यही असली पंजाबी तड़का माना जाता है.
इस साग को किसके साथ परोसना चाहिए?
सरसों का साग आमतौर पर मक्के की रोटी, मक्खन/घी, गुड़ और छाछ के साथ परोसा जाता है. यही पारंपरिक पंजाबी कॉम्बिनेशन है.
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