10.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

Rental Wives: भारत में यहां किराए पर मिलती हैं महिलाएं, खूबसूरती देखकर लगती है बोली

Rental Wives: एक कुप्रथा देश का दिल कहा जाने वाला मध्य प्रदेश में भी प्रचलित है. जहां घर की बेटियों को किराए पर दिया जाता है. साथ ही उनको किराए पर देने के लिए बकायदा बोली भी लगाई जाती है.

Rental Wives: भारत विविधताओं से भरा हुआ देश है. यहां कदम-कदम पर बोली, रहन-सहन और रिवाज बदल जाते हैं. भारत के लगभग हर राज्य की अपनी अलग सांस्कृतिक पहचान होती है. साथ ही राज्यों में कुछ कुप्रथाएं भी प्रचलित होती हैं. एक कुप्रथा देश का दिल कहा जाने वाला मध्य प्रदेश में भी प्रचलित है. जहां घर की बेटियों को किराए पर दिया जाता है. साथ ही उनको किराए पर देने के लिए बकायदा बोली भी लगाई जाती है. ऐसे में आइए जानते हैं कि यह कुप्रथा मध्य प्रदेश के किस जिले में व्याप्त है.

यह भी पढ़ें- Wedding Traditions: भारत में यहां शादी के बाद एक हफ्ता बिना कपड़ों के बिताती है दुल्हन, जानें वजह

यह भी पढ़ें- Wedding Traditions: यहां नवविवाहित जोड़े को नहीं मनाने दिया जाता सुहागरात, परिजन और दोस्त रात भर करते हैं परेशान

यहां प्रचलित है धड़ीचा प्रथा

मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले में धड़ीचा नामक कुप्रथा प्रचलित है. यहां घर की बहन-बेटियों और पत्नियों को किराये पर दिया जाता है. जिस तरह सब्जी मंडी, फूल बाजार और अनाज मंडी होती है उसी तरह यहां महिलाओं और लड़कियों की बोली लगाने के लिए मंडी सजाई जाती है. यहां बोली महिलाओं की सुंदरता के हिसाब से लगाई जाती है. जो महिला जितनी सुंदर होगी, उसकी बोली उतनी ही ज्यादा होगी.

इतने रुपए तक लगती है बोली

शिवपुरी में प्रचलित धड़ीचा प्रथा के तहत महिलाओं की मंडी हर साल में एक निश्चित समय पर लगाई जाती है. जहां महिलाओं और लड़कियों को खरीदने के लिए दूर-दूर से खरीददार आते हैं. खरीददार महिलाओं के हाव भाव, चाल-चलन देखकर उसका दाम लगाते हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मंडी में महिलाओं की कीमत 15 हजार से 4 लाख रुपए तक हो सकती है. बोली लगाने वाला व्यक्ति इन महिलाओं को किराए पर ले जाता है. इसके लिए बकायदा एग्रीमेंट होता है, जो कि एक साल या उससे कम समय तक का हो सकता है. वहीं अगर दोबारा एग्रीमेंट बनाने की ख्वाहिश है, तो उसके लिए फिर किराया देना पड़ेगा.

इन जरूरतों के लिए लगाते हैं बोली

इस मंडी से खरीददार महिलाओं को अलग-अलग जरूरतों के लिए ले जाते हैं. किसी को मां की सेवा करानी है, तो किसी को सिर्फ शादी का नाटक करना है, तो कोई महिला के साथ समय बिताने की चाहत में खरीद कर ले जाता है. महिलाओं की खरीदी भले ही एग्रीमेंट के तरह होता है. लेकिन अगर महिला चाहे तो इस एग्रीमेंट को तोड़ भी सकती है. हालांकि, यह एग्रीमेंट तभी टूट सकता है, जब एग्रीमेंट में लिखे रकम को वापस लौटा दिया जाए.

Disclaimer: यह आर्टिकल सामान्य जानकारियों पर आधारित है. प्रभात खबर किसी भी तरह से इनकी पुष्टि नहीं करता है.

Shashank Baranwal
Shashank Baranwal
जीवन का ज्ञान इलाहाबाद विश्वविद्यालय से, पेशे का ज्ञान MCU, भोपाल से. वर्तमान में प्रभात खबर डिजिटल के नेशनल डेस्क पर कार्य कर रहा हूँ. राजनीति पढ़ने, देखने और समझने का सिलसिला जारी है. खेल और लाइफस्टाइल की खबरें लिखने में भी दिलचस्पी है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel