
फाल्गुन शुक्ल पक्ष की एकादशी को रंगभरनी एकादशी के नाम से जाना जाता है.

रंगभरनी एकादशी से होली का परंपरागत शुभारंभ होता है. बांकेबिहारी मंदिर में टेसू के रंगों के साथ-साथ चोवा, चंदन के अलावा अबीर गुलाल से होली खेली जाती है.

ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर में टेसू के रंगों के साथ-साथ चोवा, चंदन के अलावा अबीर गुलाल से होली खेली जाती है.

शोभायात्रा में प्रिया प्रियतम सुसज्जित रथ पर सवार होकर भक्तों संग होली खेलने के लिए नगर का भ्रमण किया

हाथों में गुलाल लेकर भक्त आराध्य के साथ होली खेलने पहुंचे। भक्तों द्वारा मंदिर में गुलाल उड़ाया जा रहा था.

