32.1 C
Ranchi
Friday, March 29, 2024

BREAKING NEWS

Trending Tags:

Prostate cancer से जुड़ी इन बातों को न करें नजर अंदाज, जानें क्या हैं लक्षण

Prostate cancer: प्रोस्टेट कैंसर पुरुषों में सबसे आम और उनसे संबंधित कैंसर में से एक है. कथित तौर पर, यह दुनिया भर में पुरुषों में फेफड़ों के कैंसर के बाद दूसरी सबसे लगातार घातक बीमारी है, जिसमें लगभग 1,276,106 नए मामले सामने आए और 2018 में 358,989 मौतें हुईं.

Prostate cancer: प्रोटेस्ट कैंसर के मुख्य कारणों में से एक गलत जांच या फिर जांच में देरी होते हैं.अमेरिकन कैंसर सोसाइटी (एसीएस) के अनुसार, कैंसर तब शुरू होता है जब शरीर में कोशिकाएं असामान्य रूप से बढ़ने लगती हैं, जिसका अर्थ है कि शरीर के लगभग किसी भी हिस्से में कोशिकाएं कैंसर कोशिकाएं बन सकती हैं और शरीर के अन्य क्षेत्रों में फैल सकती हैं. प्रोस्टेट कैंसर (Prostate cancer) प्रोस्टेट ग्लैंड में होता है, जो पुरुषों में अखरोट के आकार की एक छोटी ग्रंथि होती है, जो वीर्य का उत्पादन करती है.

इंफेक्शन के लक्षण क्या हैं

प्रोस्टेट में जब कोशिकाएं नियंत्रण से बाहर होने लगती हैं, कैंसर बन जाती हैं. स्वस्थ शरीर के अनुसार, विभिन्न प्रकार के प्रोस्टेट कैंसर होते हैं जिनमें छोटे सेल कार्सिनोमा, न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर,ट्रांज़िशनल सेल कार्सिनोमा, सार्कोमा शामिल हैं. अक्सर, प्रोस्टेट कैंसर यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन लक्षणों से जुड़ा होता है, जिसमें अधिक बार पेशाब करने की आवश्यकता होती है, अक्सर रात के दौरान, पेशाब करने में कठिनाई, पेशाब करते समय तनाव या कमजोर प्रवाह. अन्य लक्षणों में यूरिनरी ट्रैक्ट पर दबाव महसूस होना और रक्त आना शामिल है.

86 प्रतिशत आबादी में प्रोस्टेट कैंसर के लक्षण

अध्ययन में शामिल शोधकर्ताओं ने बताया है कि यह गलत धारणा है कि प्रोस्टेट कैंसर हमेशा सिम्पटोमेटिक होता है, एक अध्ययन के अनुसार, 86 प्रतिशत आबादी प्रोस्टेट कैंसर के लक्षणों से जुड़ी हुई थी. यूएस सेंटर के (सीडीसी) के अनुसार, “सभी पुरुषों को प्रोस्टेट कैंसर होने का खतरा होता है.” हालांकि, सबसे आम जोखिम कारक उम्र है. किसी व्यक्ति की उम्र जितनी अधिक होती है, प्रोस्टेट कैंसर होने की संभावना उतनी ही ज्यादा रहती है. इसके अलावा, कैंसर और मोटापे का पारिवारिक इतिहास भी आपके में इस रोग के जोखिम को बढ़ा सकता है.

Also Read:
Depression से जूझ रहे व्यक्ति को कैसे दे पॉजिटिव वाइब्स,भारत में कितने प्रतिशत डिप्रेसिव के मरीज़

हालांकि, शोधकर्ताओं का मानना ​​​​है कि यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन लक्षणों के प्रकट होने की प्रतीक्षा करने से जांच और उपचार में और देरी हो सकती है, जिससे मृत्यु का खतरा बढ़ जाता है.

You May Like

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

अन्य खबरें