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महिलाओं की हनुमान भक्ति पर क्या कहते हैं प्रेमानंद जी महाराज?

Premanand Ji Maharaj: हनुमान जी को संकट मोचन और बाल ब्रह्मचारी रूप में पूजा जाता है. उनकी आराधना को लेकर महिलाओं की भूमिका पर कई मत हैं. संत प्रेमानंद महाराज ने स्पष्ट किया कि भक्ति मूर्ति छूने में नहीं, बल्कि सच्चे मन और आस्था में है. यही पूजा का वास्तविक स्वरूप है.

Premanand Ji Maharaj: हनुमान जी भगवान शिव के 11वें अवतार हैं. उनको संकट मोचन और बाल ब्रह्मचारी के रूप में पूजा जाता है. उनकी आराधन से जुड़ी मान्यताओं पर समय-समय पर चर्चा होती रहती है. विशेषकर महिलाओं की भूमिका को लेकर अनेक मत प्रचलित हैं. कुछ लोग मानते हैं कि स्त्रियों को हनुमान जी की पूजा से दूरी रखनी चाहिए, जबकि दूसरी ओर यह भी विचार है कि पूजा पूर्णतः व्यक्ति की आस्था और भावनाओं का विषय है. इसी संदर्भ में संत प्रेमानंद महाराज के विचार विशेष रूप से उल्लेखनीय हैं. उन्होंने एक वीडियो में इस विषय पर विस्तार से अपनी राय व्यक्त की.

महिलाओं की भक्ति और हनुमान जी

जब एक भक्त ने प्रेमानंद जी महाराज से प्रश्न किया कि क्या महिलाओं को हनुमान जी की मूर्ति के पास नहीं जाना चाहिए या उनकी पूजा नहीं करनी चाहिए, तो उन्होंने कहा कि केवल मूर्ति तक पहुंच जाना या उसे छूना ही भक्ति नहीं है. भक्ति हृदय और मन की शुद्ध भावनाओं से जुड़ी होती है. अगर कोई महिला सच्चे मन से श्रद्धा करती है, तो वह कहीं से भी हनुमान जी की पूजा कर सकती है.

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ब्रह्मचर्य का आदर्श

हनुमान जी को बाल ब्रह्मचारी के रूप में प्रतिष्ठित किया गया है. प्रेमानंद महाराज ने बताया कि इस कारण से महिलाओं को उनके शरीर को छूने से बचना चाहिए. यह नियम किसी भेदभाव के लिए नहीं, बल्कि हनुमान जी के ब्रह्मचर्य के आदर्श को सम्मान देने के लिए है. मर्यादा और संयम हर साधक के लिए ज़रूरी हैं और इसीलिए भक्ति का स्वरूप शारीरिक संपर्क तक सीमित नहीं होना चाहिए.

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पूजा का वास्तविक स्वरूप

प्रेमानंद जी महाराज ने कहा कि भगवान की पूजा केवल मूर्ति के स्पर्श तक सीमित नहीं है. सच्ची पूजा मन की गहराई और श्रद्धा से होती है. अगर महिला हनुमान जी का स्मरण हृदय से करती है, तो वही उसकी सबसे बड़ी पूजा है. भगवान का आशीर्वाद भक्त के मन में निवास करता है और सच्चे भावों से प्रकट होता है.

Disclaimer: यह आर्टिकल सामान्य जानकारियों और मान्यताओं पर आधारित है. प्रभात खबर किसी भी तरह से इनकी पुष्टि नहीं करता है.

Shashank Baranwal
Shashank Baranwal
जीवन का ज्ञान इलाहाबाद विश्वविद्यालय से, पेशे का ज्ञान MCU, भोपाल से. वर्तमान में प्रभात खबर डिजिटल के नेशनल डेस्क पर कार्य कर रहा हूँ. राजनीति पढ़ने, देखने और समझने का सिलसिला जारी है. खेल और लाइफस्टाइल की खबरें लिखने में भी दिलचस्पी है.

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