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गर्भवती महिला के कमरे में क्यों लगाई जाती है बाल कृष्ण की तस्वीर? जानिए इसका आध्यात्मिक और मानसिक महत्व

why krishna photo is placed in pregnant women room: गर्भावस्था को एक पवित्र और भावनात्मक रूप से गहरा अनुभव माना जाता है. इस दौरान न सिर्फ खानपान और रहन-सहन का ध्यान रखा जाता है, बल्कि मानसिक और भावनात्मक वातावरण भी बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है. ऐसे ही एक सुंदर और अर्थपूर्ण रिवाज के तहत गर्भवती महिलाओं के कमरे में बाल कृष्ण की तस्वीर लगाई जाती है.

why krishna photo is placed in pregnant women room: भारतीय परंपराओं में गर्भावस्था को एक पवित्र और भावनात्मक रूप से गहरा अनुभव माना जाता है. इस दौरान न सिर्फ खानपान और रहन-सहन का ध्यान रखा जाता है, बल्कि मानसिक और भावनात्मक वातावरण भी बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है. ऐसे ही एक सुंदर और अर्थपूर्ण रिवाज के तहत गर्भवती महिलाओं के कमरे में बाल कृष्ण की तस्वीर लगाई जाती है. यह सिर्फ एक धार्मिक परंपरा या सजावट नहीं है, बल्कि इसके पीछे गहरा आध्यात्मिक और मनोवैज्ञानिक आधार छिपा है. आइए जानते हैं मनोचिकित्सक डॉ. राधा कुमारी से कि इस परंपरा का क्या वैज्ञानिक और भावनात्मक महत्व है:

1. सकारात्मक ऊर्जा और मानसिक शांति

गर्भावस्था के दौरान महिला शारीरिक और मानसिक रूप से कई बदलावों से गुजरती है. इस समय उसका मन शांत और प्रसन्न रहे, यह बेहद जरूरी होता है.
डॉ. राधा बताती हैं कि मां का मानसिक स्वास्थ्य सीधे गर्भ में पल रहे बच्चे के विकास को प्रभावित करता है. ऐसे में जब मां रोज़ बाल कृष्ण की मनमोहक, चंचल और मासूम छवि को देखती है, तो उसके मन में सकारात्मक और प्रेमभरे भाव जागते हैं. इससे मां का तनाव कम होता है, और वो खुद को मानसिक रूप से संतुलित और खुश महसूस करती है  जो बच्चे के मानसिक विकास के लिए बेहद फायदेमंद होता है.

2. सौंदर्य और बुद्धि का प्रतीक

भारतीय मान्यता के अनुसार, मां जो देखती है, उसका असर बच्चे पर पड़ता है. बाल कृष्ण को बेहद सुंदर, आकर्षक और बुद्धिमान माना जाता है. माना जाता है कि यदि गर्भवती महिला नियमित रूप से श्रीकृष्ण की छवि देखे, तो बच्चा भी सुंदर, समझदार और तेज़ बुद्धि वाला हो सकता है. यह न सिर्फ एक धार्मिक आस्था है, बल्कि मां के मन में एक उम्मीद और सकारात्मक सोच को भी जन्म देती है — जो उसके गर्भकाल के अनुभव को और सुंदर बना देती है.

3. श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं से प्रेरणा

श्रीकृष्ण की बाल लीलाएं – जैसे मक्खन चुराना, ग्वालों के साथ खेलना, और चंचलता से भरे किस्से – जीवन मेंसाहस, मासूमियत और करुणा का संदेश देते हैं. डॉ. राधा कहती हैं कि जब मां हर दिन बाल कृष्ण की लीलाएं देखती या सुनती है, तो वो इन गुणों को खुद में महसूस करती है. इसका असर गर्भ में पल रहे शिशु पर भी पड़ता है, जिससे उसका स्वभाव भी दयालु, चंचल, और समझदार बन सकता है.यह एक तरह की सकारात्मक मानसिक प्रोग्रामिंग होती है, जो बच्चे के व्यक्तित्व को जन्म से पहले ही आकार देने की कोशिश करती है.

Prerna
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"As a passionate lifestyle journalist, I specialize in capturing the essence of everyday living — from wellness trends and fashion insights to food, travel, and culture. With a keen eye for detail and a love for storytelling, I strive to bring inspiring, informative, and engaging content that connects with readers on a personal level. My goal is to explore how lifestyle choices shape our identity and influence the world around us, one story at a time.

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