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Jitiya Special Poi Saag Recipe: क्या आपने चखा है पोई साग के पकौड़े का स्वाद, जानिए जितिया में क्या है इसका महत्व 

Jitiya Special Poi Saag Recipe: व्रत के अगले दिन जब पारणा किया जाता है, तब विशेष और पौष्टिक व्यंजन बनाए जाते हैं. उन्हीं में से एक है पोई साग के पकोड़े. यह केवल स्वादिष्ट नहीं बल्कि स्वास्थ्यवर्धक और औषधीय गुणों से भरपूर एक परंपरागत पकवान है.

Jitiya Special Poi Saag Recipe: भारतीय संस्कृति में हर त्योहार और व्रत के साथ कुछ पारंपरिक व्यंजन भी गहराई से जुड़े होते हैं. जितिया व्रत एक ऐसा ही पावन अवसर है, जिसे माताएं अपनी संतान की लंबी उम्र और सुख-शांति के लिए श्रद्धा और सच्ची निष्ठा से करती हैं. यह व्रत कठोर उपवास वाला होता है, जिसे माताएं बिना जल ग्रहण किए भी निभाती हैं. व्रत के अगले दिन जब पारणा किया जाता है, तब विशेष और पौष्टिक व्यंजन बनाए जाते हैं. उन्हीं में से एक है  पोई साग के पकोड़े. यह केवल स्वादिष्ट नहीं बल्कि स्वास्थ्यवर्धक और औषधीय गुणों से भरपूर एक परंपरागत पकवान है. पोई साग में फाइबर, आयरन और अन्य पोषक तत्व प्रचुर मात्रा में होते हैं, जो व्रत के बाद शरीर को ऊर्जा देने का काम करते हैं. इस लेख में हम जानेंगे कि जितिया व्रत में पोई साग का पकोड़ा क्यों खाया जाता है, इसका धार्मिक और आयुर्वेदिक महत्व क्या है, और इसे कैसे आसानी से घर पर बनाया जा सकता है.

पोई साग के पकोड़े बनाने के लिए सामग्री 

  • पोई साग – 1 कप (बारीक कटा हुआ, साफ़ किया हुआ)
  • बेसन (चने का आटा) – 1 कप
  • प्याज – 1 मध्यम (बारीक कटा हुआ, वैकल्पिक)
  • अजवाइन – 1/2 चम्मच
  • लाल मिर्च पाउडर – 1/2 चम्मच
  • हल्दी पाउडर – 1/4 चम्मच
  • नमक – स्वादानुसार
  • पानी – घोल बनाने के लिए
  • तेल – तलने के लिए

बनाने की विधि :

  1. एक बाउल में बेसन लें. उसमें अजवाइन, हल्दी, मिर्च, नमक मिलाएं.
  2. अब इसमें बारीक कटा हुआ पोई साग डालें (और प्याज अगर डालना चाहें तो).
  3. थोड़ा-थोड़ा पानी डालकर गाढ़ा घोल तैयार करें.
  4. कढ़ाई में तेल गरम करें.
  5. हाथ से छोटे-छोटे पकौड़े बनाकर गरम तेल में डालें.
  6. मध्यम आंच पर दोनों तरफ से कुरकुरा और सुनहरा होने तक तलें.
  7. पकोड़ों को टिशू पेपर पर निकालें.

क्या है महत्व 

धार्मिक और परंपरागत कारण:

  1. पवित्रता का प्रतीक – जितिया व्रत में सात्विक और पारंपरिक खाद्य पदार्थ खाने की परंपरा होती है. पोई साग एक शुद्ध और देसी साग है, जिसे शुभ माना जाता है.
  2. पूर्वजों की परंपरा – वर्षों से माताएं और दादी-नानी जितिया पर पोई साग का पकोड़ा बनाती रही हैं. यह एक पीढ़ी दर पीढ़ी चली आ रही सांस्कृतिक परंपरा है.

 स्वास्थ्यवर्धक कारण:

  1. पाचन में मददगार – व्रत के बाद शरीर को हल्का, फाइबरयुक्त और सुपाच्य भोजन की ज़रूरत होती है. पोई साग पेट के लिए फायदेमंद होता है.
  2. आयरन और कैल्शियम से भरपूर – यह साग खून बढ़ाने और हड्डियों को मज़बूत करने में सहायक होता है, खासकर महिलाओं के लिए.
  3. मौसमी सब्ज़ी – यह साग सितंबर-अक्टूबर में आसानी से उपलब्ध होता है और शरीर को मौसम के बदलाव से लड़ने की ताकत देता है.

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Prerna
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"As a passionate lifestyle journalist, I specialize in capturing the essence of everyday living — from wellness trends and fashion insights to food, travel, and culture. With a keen eye for detail and a love for storytelling, I strive to bring inspiring, informative, and engaging content that connects with readers on a personal level. My goal is to explore how lifestyle choices shape our identity and influence the world around us, one story at a time.

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