Jaya Kishori: एक अच्छी परवरिश वह नहीं जिसमे बच्चे को कड़ें नियमों में बांधकर रखा जाएं. एक अच्छी परवरिश तो वह है जहां बच्चे की डोर आपसे बंधी और वह खुलकर जी सकें, जया किशोरी जी समय समय पर समाज स्त्री परवरिश को लेकर अपने विचार साझा करती है.
जया किशोरी नें अपने एक पॉडकास्ट में कहा कि बच्चों से पहले माता-पिता को यह समझना चाहिए कि बच्चों की खुशियों और सपनों का सम्मान करना सबसे जरूरी है. समाज की सोच के चश्मे से बच्चों की तुलना करने से उन्हें नुकसान पहुंच सकता है.
Jaya Kishori Parenting Tips: माता-पिता को पहले समझना चाहिए बच्चों की खुशियों का महत्व

1. बच्चों के सपनों को दबाना बंद करें
Jaya Kishori ने बताया कि माता-पिता अक्सर बच्चों की इच्छाओं और सपनों को इसलिए दबा देते हैं क्योंकि उन्हें डर होता है कि समाज क्या कहेगा. उनका कहना है कि बच्चों के व्यक्तित्व और रुचियों को पहचानना माता-पिता की ज़िम्मेदारी है.
2. तुलना से बचें
वे कहती हैं, बच्चों की तुलना किसी और से न करें. हर बच्चा अलग होता है, हर सपना महत्वपूर्ण होता है. तुलना करने से बच्चों में आत्मविश्वास की कमी और डर पैदा होता है. माता-पिता को केवल बच्चों की खुशियों और उनके विकास के बारे में सोचना चाहिए.
3. मार्गदर्शन दें, दबाव नहीं बनाएं
Jaya Kishori का मानना है कि बच्चों के निर्णयों में हस्तक्षेप करने के बजाय उन्हें सही मार्गदर्शन दें. बच्चों को खुद निर्णय लेने का मौका देने से उनमें आत्मनिर्भरता और जिम्मेदारी की भावना विकसित होती है.
4. उनकी खुशियों को प्राथमिकता दें- समाज को नहीं
उन्होंने माता-पिता से कहा कि बच्चों के सपनों को छोटा या बड़ा न आंकें. बच्चों की खुशियों और मानसिक संतुलन को प्राथमिकता देना समाज की सोच से ज़्यादा महत्वपूर्ण है.
जया किशोरी जी की यह सीख माता-पिता के लिए एक महत्वपूर्ण संदेश है. बच्चों की खुशियों का सम्मान करना, उन्हें खुलकर जीने देना और तुलना से बचना ही जिम्मेदार माता-पिता की पहचान है. सही मार्गदर्शन से बच्चे आत्मविश्वासी बनते हैं.
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