Chanakya Niti: रोजमर्रा की जिंदगी में आप चाहे कितने भी ईमानदार, मेहनती और सकारात्मक क्यों न हों, जब आप सफलता की सीढ़ी चढ़ने लगते हैं, तो कुछ लोग जलने लगते हैं. आपके हर अच्छे कदम को नीचा दिखाने की कोशिश करते हैं. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या उनका सीधा सामना करना चाहिए या उनसे स्मार्टली निपटना चाहिए? भारत के महान कूटनीतिज्ञ और नीति शास्त्री आचार्य चाणक्य ने ऐसे लोगों को पहचानने और उनसे निपटने के लिए गहरी और समार्ट तरीके बताए हैं.
ऐसे लोगों को कैसे पहचानना सीखें
चाणक्य कहते हैं, “जो आपकी पीठ पीछे आपकी आलोचना करें, वो आपके सबसे बड़े शत्रु हैं.” जो लोग आपकी तरक्की पर चुप रहकर जलते हैं, वे धीरे-धीरे आपको मानसिक रूप से कमजोर करने की कोशिश करते हैं. ऐसे लोगों को पहचान कर दूरी बनाना ही पहला कदम है.
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प्रतिक्रिया देने की जरूरत नहीं
चाणक्य मानते थे कि मूर्खों से बहस करना अपनी ऊर्जा बर्बाद करना है. अगर कोई लगातार आपको नीचा दिखा रहा है, तो हर बार जवाब देने की बजाय चुप रहना ही समझदारी है. आपकी सफलता ही उनका सबसे बड़ा जवाब होगा.
अपने कार्य पर फोकस करें
नीति कहती है कि असली जवाब तब दें जब आपकी उपलब्धियां बोलें. जब आपका काम दिखने लगेगा, तो नफरत करने वाले खुद शांत हो जाएंगे. इसलिए उन्हें सबक सिखाने के बजाय खुद को बेहतर बनाना ज़्यादा असरदार तरीका है.
सतर्क रहें, लेकिन शांत रहें
चाणक्य कहते हैं “अपने शत्रु को कभी कमजोर नहीं समझना चाहिए.” जो लोग आपकी तरक्की से जलते हैं, वे अक्सर पीछे से वार करते हैं. इसलिए सतर्क रहें, लेकिन अंदर से शांत रहें. कोई ऐसा काम न करें जिससे आपकी छवि खराब हो.
खुद को लगातार मजबूत करें
आचार्य चाणक्य का मानना था कि आपकी सबसे बड़ी ताकत आपका आत्मविश्वास और ज्ञान है. जो लोग आपसे जलते हैं, वे तब तक आपका कुछ नहीं बिगाड़ सकते जब तक आप खुद कमजोर न पड़ें. इसलिए मानसिक, शारीरिक और बौद्धिक रूप से खुद को हर दिन मजबूत बनाएं.

