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कर्ज लेने या देने से पहले जान लें चाणक्य के ये 3 नियम, बच जाएंगे विवाद और आर्थिक संकट से

Chanakya Niti: कर्ज लेने या देने से पहले चाणक्य नीति में बताए गए नियम जानना जरूरी है. ये नियम न सिर्फ आर्थिक सुरक्षा देते हैं बल्कि पैसों के कारण रिश्तों में होने वाले विवाद से भी बचाते हैं.

Chanakya Niti: आज के समय में इमरजेंसी या अपनी बढ़ती आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए पैसों का लेन देन तो चलता रहता है. लेकिन कई बार यह लेन-देन विवाद की वजह बन जाती है. दो इंसान के बीच दूरियां बढ़ जाती हैं. लेकिन अगर हम कर्ज लेने से पहले कुछ नियम अपना लें तो बहुत हद तक परेशानियों से बच जाएंगे. चाणक्य नीति में इन नियमों का साफ उल्लेख किया गया है जो न सिर्फ आर्थिक सुरक्षा देता है बल्कि रिश्तों में विश्वास भी बनाए रखता है.

कर्ज लेने से पहले सोचें और योजना बनाएं

कर्ज लेने से पहले सबसे महत्वपूर्ण है अपनी जरूरत और क्षमता का मूल्यांकन करना. चाणक्य का मानना है कि केवल वही व्यक्ति कर्ज ले जो वास्तव में उसकी आवश्यकता रखता हो और वक्त पर उसे लौटाने की काबिलियत हो. फिजूलखर्ची या बिना योजना के कर्ज लेने से भविष्य में आर्थिक दबाव और तनाव उत्पन्न हो सकता है. इसके अलावा, कर्ज लेने से पहले यह देखना जरूरी है कि आप इसे किस स्रोत से ले रहे हैं. बैंक, वित्तीय संस्था या भरोसेमंद मित्र से कर्ज लेना हमेशा सुरक्षित रहता है, जबकि संदिग्ध स्रोत से पैसा लेना जोखिम बढ़ा देता है.

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कर्ज देने में सावधानी और भरोसा

कर्ज देने से पहले यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि व्यक्ति विश्वसनीय और सक्षम है या नहीं. चाणक्य कहते हैं, “धन देने में जल्दबाजी मत करो.” किसी भी व्यक्ति को बिना जांच के पैसा देने से विवाद और नुकसान हो सकते हैं. इसके साथ ही, सभी शर्तों को लिखित में रखना बेहद जरूरी है. मौखिक वादे अक्सर विवाद का कारण बनते हैं. जरूरतमंद की मदद करनी चाहिए, लेकिन अत्यधिक उदारता और बिना सोचे समझे धन देना भविष्य में आर्थिक और व्यक्तिगत नुकसान भी दे सकता है.

आज भी प्रासंगिक है चाणक्य की ये नीतियां

चाणक्य की ये नीति आज भी प्रासंगिक है. इसलिए कर्ज लेने से पहले अपनी आवश्यकता, भुगतान योजना और स्रोत का मूल्यांकन करें. कर्ज देने से पहले भरोसेमंद व्यक्ति चुनें और लिखित प्रमाण रखें. ऐसा करने से न केवल आर्थिक सुरक्षा बढ़ती है बल्कि व्यक्तिगत और सामाजिक संबंध भी मजबूत रहते हैं.

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Sameer Oraon
Sameer Oraon
इंटरनेशनल स्कूल ऑफ बिजनेस एंड मीडिया से बीबीए मीडिया में ग्रेजुएट होने के बाद साल 2019 में भारतीय जनसंचार संस्थान दिल्ली से हिंदी पत्रकारिता में पीजी डिप्लोमा किया. 5 साल से अधिक समय से प्रभात खबर में डिजिटल पत्रकार के रूप में कार्यरत हूं. इससे पहले डेली हंट में भी बतौर प्रूफ रीडर एसोसिएट के रूप में भी काम किया. झारखंड के सभी समसमायिक मुद्दे खासकर राजनीति, लाइफ स्टाइल, हेल्थ से जुड़े विषय पर लिखने और पढ़ने में गहरी रूचि है. तीन साल से अधिक समय से झारखंड डेस्क पर काम किया. फिर लंबे समय तक लाइफ स्टाइल डेस्क पर भी काम किया. इसके अलावा स्पोर्ट्स में भी गहरी रूचि है.

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