Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य को प्राचीन भारत का विद्वान माना जाता है. उन्होंने अर्थशास्त्र जैसे ग्रंथ की रचना की थी. आचार्य चाणक्य अपने समय के कुशल रणनीतिकार और अर्थशास्त्री थे. उनकी कही गई बातों को ही चाणक्य नीति के नाम से जाना जाता है. प्राचीन भारत की चाणक्य नीति आज के समय में भी प्रासंगिक है. इस नीति को आप अपने जीवन में भी उपयोग में ला सकते हैं. इन नीतियों में जीवन से जुड़ी ज्ञान की बाते हैं. आचार्य चाणक्य के अनुसार बुद्धिमान व्यक्ति का हर जगह सम्मान होता है. मगर बुद्धिमान व्यक्तियों की कुछ गलती के कारण उन्हें दुख भोगना पड़ता है. चाणक्य नीति के अनुसार,
मूर्खशिष्योपदेशेन दुष्टास्त्रीभरणेन च।
दु:खिते सम्प्रयोगेण पण्डितोऽप्यवसीदति।।
आचार्य चाणक्य के अनुसार मूर्ख लोगों को उपदेश देना, दुष्ट महिला का पालन पोषण करना और दुखी आदमी का साथ दुख और पीड़ा देता है. इस श्लोक के अनुसार, जो भी बुद्धिमान व्यक्ति इन लोगों की संगत में रहता है उसे दुख होता है.
सही निर्णय नहीं ले पाना
चाणक्य नीति के अनुसार बुद्धिमान व्यक्ति की बुद्धि किसी काम की नहीं होती अगर वह समय पर सही निर्णय नहीं ले पाते हैं. आचार्य चाणक्य के अनुसार बुद्धिमान व्यक्ति को किसी भी परिस्थिति के लिए तैयार रहना चाहिए.
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गलत संगत
अगर बुद्धिमान व्यक्ति गलत लोगों के संगति में रहता है तो इसका उल्टा प्रभाव उसके व्यक्तित्व पर पड़ता है. गलत संगत में रहना बुद्धिमान व्यक्ति की सबसे बड़ी गलती होती है. इस तरह के लोग बुद्धिमान इंसान को नुकसान पहुंचा सकते हैं.
मूर्ख व्यक्ति
चाणक्य नीति के अनुसार बुद्धिमान व्यक्ति को कभी भी मूर्ख लोगों के साथ नहीं रहना चाहिए. मूर्खों को कोई भी बात समझाने से कोई फायदा नहीं मिलता है. मूर्ख व्यक्ति हमेशा अपने मन की करते हैं. मूर्खों को समझाना व्यर्थ है और इससे बुद्धिमान इंसान को ही हानि होती है.
बुरा स्वभाव वाली स्त्री
आचार्य चाणक्य अनुसार जिस स्त्री का स्वभाव अच्छा नहीं होता है उससे हमेशा दूरी बनाकर रखना चाहिए. इस तरह के लोगों के साथ रखकर बुद्धिमान व्यक्ति अपना ही अहित करते हैं.
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Disclaimer: यह आर्टिकल सामान्य जानकारियों और मान्यताओं पर आधारित है. प्रभात खबर इसकी पुष्टि नहीं करता है.