Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य (Acharya Chanakya) एक महान अर्थशास्त्री, राजनीतिज्ञ और नीतिकार थे. उन्होंने अपने अनुभवों के आधार पर चाणक्य नीति (Chanakya Niti) में जीवन के हर पहलू से जुड़े गहरे सिद्धांत बताए हैं. चाणक्य का एक बहुत ही चर्चित विचार है:
“लगाव प्रेम को खत्म कर देता है. प्रेम और लगाव एक जैसे नहीं होते, बल्कि ये एक-दूसरे के दुश्मन हैं.”
-आचार्य चाणक्य
इस विचार को समझना बेहद जरूरी है, क्योंकि यह रिश्तों की गहराई और सीमाओं को दर्शाता है.
Love Vs Attachment: क्या है प्रेम और लगाव में फर्क?

आम तौर पर लोग Love (प्रेम) और Attachment (लगाव) को एक ही समझ लेते हैं, लेकिन चाणक्य नीति के अनुसार, ये दोनों अलग-अलग चीजें हैं.
- प्रेम (Love) निस्वार्थ होता है, जिसमें सामने वाले की भलाई की चाहत होती है, बिना किसी उम्मीद के.
- लगाव (Attachment) में व्यक्ति खुद की खुशी और लाभ को सामने रखता है. यह स्वार्थ से जुड़ा होता है.
Chanakya Niti on Love and Attachment: लगाव क्यों खत्म कर देता है प्रेम को?

जब किसी रिश्ते में लगाव बढ़ जाता है, तो हम उस व्यक्ति से बहुत ज्यादा उम्मीदें करने लगते हैं. अगर वो हमारी उम्मीदों पर खरा नहीं उतरता, तो हमें दुख, गुस्सा या जलन होने लगती है.
इससे धीरे-धीरे प्रेम खत्म हो जाता है और रिश्ते में कड़वाहट आने लगती है.
उदाहरण के लिए, माता-पिता का अपने बच्चों से प्रेम सच्चा होता है, लेकिन अगर उसमें जरूरत से ज्यादा लगाव हो जाए, तो वो बच्चों की आजादी में बाधा बन सकता है. यही बात हर रिश्ते पर लागू होती है.
Relationship Tips by Acharya Chanakya: चाणक्य हमें यह समझाते हैं कि
- प्यार में अपनापन और आजादी होनी चाहिए.
- ज्यादा लगाव रिश्तों को बोझिल बना सकता है.
- स्वस्थ रिश्ते के लिए संतुलन जरूरी है.
आचार्य चाणक्य की यह नीति हमें सिखाती है कि अगर हम अपने रिश्तों में Love (प्रेम) बनाए रखना चाहते हैं, तो उसमें Attachment (लगाव) की सीमा को समझना होगा. तभी हम सच्चे रिश्तों का आनंद ले सकते हैं.
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